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    भारतीय विदेश मंत्री

    सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदेल अल जुबेर ने सोमवार शाम को चंद घंटों के लिए भारत की यात्रा की थी। एयरपोर्ट से उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की और इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ मुलाकात की और वापस मुल्क को लौट चले।

    बीते सप्ताह सऊदी के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर थे और इससे भारत-पाक तनाव को लेकर काफी अटकले लगाई जा रही थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ऐलान किया था कि 1 मार्च को सऊदी के विदेश म्नत्री इस्लामाबाद आएंगे। साथ ही वह मोहम्मद बिन सलमान का एक महत्वपूर्ण सन्देश लाएंगे।”

    अबू धाबी में ओआईसी की बैठक के बाद सऊदी अरब के मंत्री ने 2 मार्च को नई दिल्ली की यात्रा के लिए दिलचस्पी दिखाई थी और सुषमा स्वराज से दोबारा मुलाकात की योजना तय की थी। बहरहाल, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें किसी मध्यस्थता की जरुरत नहीं है।

    एक सूत्र के मुताबिक “भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि आतंकवाद के निपटान के बाद ही उपमहाद्वीप में विकास संभव है। भारत को किसी बिचौलिए की जरुरत नहीं है। इसमें सिर्फ पाकिस्तान को अपनी सरजमीं में पनाह लिए बैठे आतंकी समूहों के खिलाफ तत्काल, विश्वसनीय और निरीक्षित कार्रवाई करने की जरुरत है।”

    एक अन्य सूत्र के मुताबिक सऊदी अरब खुद को मध्यस्थ की भूमिका में दिखाने का प्रयास कर रहा है। सऊदी अरब के मनीरी बीते हफ्ते इस्लामाबाद से सीधे भारत आना चाहते थे। भारत ने सन्देश भी दिया था कि यह तभी संभव है जब सऊदी के मंत्री क्राउन प्रिंस की वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए आये न कि यह भारत-पाक पर आधारित होनी चाहिए।”

    आदेल अल जुबेर की सुषमा स्वराज से दोबारा मुलाकात के बाबत शनिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि “वह बैठक से इतर मुलाकात थी। मेरे ख्याल से एक माकूल बैठक और इतर मुलाकात में अन्तर होता है।”

    अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता रोबर्ट पालडिनो ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि “माइक पोम्पिओ ने कूटनीतिक का बखूबी सहारा लिया है और उन्होंने दोनों पक्षों के मध्य तनाव को कम करने के लिए एक आवश्यक भूमिका अदा की है। हमने दोनों देशों से तनाव को कम करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को निरंतर आग्रह किया था।”

    चीनी विदेश मंत्री ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के लिए भी अहम भूमिका निभाने का ऐलान किया था। बावजूद इस सब के भारत ने मध्यस्थता के लिए साफ़ इंकार कर दिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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