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    नवाज शरीफ

    पाकिस्तान की हुकूमत से बेदखल पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ पर भारत में साल 2008 में हुए आतंकी हमलों के आरोप है। उच्च अदालत में जवाब दाखिल कर नवाज शरीफ ने बताया कि वह देशद्रोही नहीं है। उनका परिवार पाकिस्तान के प्रेम के कारण भारत से यहाँ आकर बसा था।

    अदालत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ लगे देशद्रोह के आरोपों की सुनवाई कर रही थी। नवाज़ शरीफ ने बयान दिया था कि साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहीद खाकान अब्बासी और पाकिस्तानी अखबार डौन के पत्रकार पर भी नवाज शरीफ के साथ इस कृत्य में शामिल होने के आरोप है। इस आतंकवादी हमले को पाकिस्तान के आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। इस नृशंस हमले में करीब 166 लोगों की हत्या की गयी।

    इस हमले में पुलिस ने एलईटी के 9 आतंकियों को मार गिराया जबकि आतंकी अजमल कसाब पुलिस के हत्थे चढ़ गया जिसे बाद मे फांसी दे दी गयी।

    नवाज़ शरीफ ने अदालत में दाखिल जवाब में कहा कि कैसे एक व्यक्ति जिसने देश को परमाणु ताकत दी वो देशद्रोही हो सकता है। जिस व्यक्ति की पार्टी को अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा वोट मिलते रहे हो वो कैसे देश के साथ गद्दारी कर सकता है। उन्होंने कहा मैं लाखों पाकिस्तानियों का प्रतिनिधित्व करता हूं, क्या वे भी देशद्रोही हो सकते हैं।

    नवाज़ शरीफ ने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को पाकिस्तानी मोहब्बत भारत से खींच लायी। उन्होंने कहा कि मैं इस पाक सरजमीं के हर एक इंच से मोहब्बत करता हूँ। नवाज़ शरीफ ने अपने ऊपर लगे देशद्रोह के आरोपों को खारिज किया।

    नवाज़ शरीफ के वालिद मियां मुहम्मद शरीफ बंटवारे से पूर्व पंजाब के तारा तरन जिले के जती उमरा में रहते थे। शाहिद खाकास अब्बासी ने कहा कि उन्होंने नवाज़ शरीफ के मुंबई हमले के बयान में उनका कोई सहयोग नहीं था। पत्रकार अल्मीडा ने कहा कि इंटरव्यू के दौरान नवाज़ शरीफ ने जो कहा उन्होंने वही लिखा।

    नवाज़ शरीफ को पनामा पेपर केस में शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। साथ ही एवेन्फ़िएल्ड भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की कैद की सज़ा सुनाई थी। याचिकाकर्ता अमीना मालिक ने नवाज़ शरीफ के बयान को पाकिस्तान के खिलाफ बताया।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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