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    भारत में एक तिहाई बच्चे कुपोषण से ग्रसित

    दुनिया में भारत सबसे अधिक कुपोषण का संकट झेल रहा है। ग्लोबल नुट्रिशन रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के एक-तिहाई कुपोषित बच्चे भारत में हैं। भारत में 4.66 करोड़ बच्चे भारत में अविकसित है। इस रिपोर्ट की फेरहीशत में सबसे ऊँचे पैदा पर भारत का नाम शुमार है।

    भारत के बाद नाइजीरिया में 13.9 मिलियन और पाकिस्तान में 10.7 मिलियन बच्चे कुपोषण से ग्रस्त है। काम कद और अविकसित होना शरीर में पोषण के कमी के कारण होता है। भारत में 25.5 मिलियन बच्चे कमजोर हैं जबकि नाइजीरिया और इंडोनेशिया में क्रमशः 3.4 मिलियन और 3.3 मिलियन हैं। कमजोरी, कम कद के पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर को दिखता है।

    रिपोर्ट के नौसार दुनिया के आधे कमजोरी से ग्रस्त बच्चे दक्षिण एशिया में हैं, लगभग तीन देशों में 47.2 छोटे काम के बच्चे है। एशिया में भारत में 46.6 मिलियन  और पाकिस्तान में 10.7 मिलियन बच्चे कम कद के हैं। वैश्विक स्तर पर पांच साल तक के 150.8 मिलियन बच्चे कम कद के हैं और 50.5 मिलियन बच्चे कमजोर हैं।

    साथ ही भारत में लाखों अधिक वजन वाले बच्चे हैं और चीन, इंडोनेशिया, भारत, मिस्र, ब्राज़ील, अमेरिका और पक्सितन है। रिपोर्ट के मुताबिक चार देशों में हर पांच में से एक बच्चा अधिक वजन वाला है। युक्रेन, अल्बानिया, लीबिया और मॉन्टेंगरो में ऐसे ही हालात हैं। विश्व में 38.3 मिलियन बच्चे अधिक वजन से ग्रसित हैं जबकि दक्षिण और पूर्वी एशिया में क्रमशः 5.4 मिलियन और 4.8 मिलियन बच्चे अधिक वजन वाले हैं।

    रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अधिक वजन वाले बच्चों की संख्या मध्य आय से अधिक देशों में ज्यादा है जबकि न्यूनतम आया वाले देशों में सबसे कम है। शहरी इलाकों में औसतन 7.1 फीसदी बच्चे अधिक वजन वाले हैं। जबकि ग्रामीण इलाकों में 6.1 फीसदी ही हैं।

    वयस्कों में पुरुषों (38.5 प्रतिशत) के मुकाबले महिलायें (39.2 प्रतिशत) अधिक मोटापे से पीड़ित है। जबकि महिलाओं (7.9 प्रतिशत) के मुकाबले अधिकतर पुरुष (9.0 प्रतिशत) डायबिटीज से पीड़ित है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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