Wed. Apr 24th, 2024
    Lata Mageshkar (महान गायिका लता मंगेशकर जी)

    महान गायिका Bharat Ratna लता मंगेशकर जी ने आज ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अपनी आखिरी सांस ली। अब वे हमारे बीच नहीं रही। कोविड -19 के लिए पॉजिटिव आने के बाद उन्हें 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ हफ्तों से उनका गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में इलाज भी चल रहा था। हाल ही में सुधार के लक्षण दिखने के बाद उनकी अचानक स्तिथि बिगड़ गयीऔर आज इस दुखद खबर की वजह से जिससे पूरे देश में एक शोक लहर है। उनकी उम्र 92 साल थीं।

    सरकार ने महान गायिका ‘भारत कोकिला’ लता मंगेशकर की याद में दो दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने का फैसला किया है।

    सरकारी सूत्रों ने कहा, “लता मंगेशकर की याद में अब छह और सात फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। सम्मान के तौर पर राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुका रहेगा।”

    स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम को मुंबई पहुंचेंगे और मुंबई के शिवाजी पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लता मंगेशकर जी के अंतिम दर्शन करेंगे। पीएम मोदी ने लता मंगेशकर के निधन पर ट्वीट कर अपना शोक व्यक्त किया। वहीं ट्विटर पर बॉलीवुड और व्यवसाय जगत की कई महान हस्तियों ने अपनी वेदना ज़ाहिर की।

    लता दीदी के अंतिम दर्शन करने के लिए प्रभु कुञ्ज पहुंचे बॉलीवुड की कई हतियाँ जैसे अमिताभ बच्चन, उनकी बेटी श्वेता बच्चन, जावेद अख्तर, उर्मिला मातोंडकर, संजय लीला भन्साली और अन्य कलाकारों का ताँता लग गया। अपनी आज्जी के अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धा कूर भी प्रभु कुञ्ज पहुंची।

    13 साल की छोटी-सी उम्र में लता दीदी ने अपने स्वर्णिम करियर की शुरुवात की थी। लता मंगेशकर 5  बहन- भाई में से सबसे बड़ी थीं। उनकी चार बहनें और एक भाई है।अपने अंतिम दिनों में वें अपने पिताजी के गाये गाने सुना करती थी। लता जी के पिताजी गायक व थिएटर आर्टिस्ट थे। कहते हैं कि उन्हीं की वजह से लता दीदी और फिर उनके बहन-भाई ने गायन की शुरुवात की थी।

    कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार लता मंगेशकर जी का अंतिम संस्कार शाम साढ़े 6 बजे को शिवाजी पार्क में किया जायेगा।रास्तेभर में लता दीदी के चाहनेवाले उनके अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि सूर्यास्त से पहले लता दीदी का तिरंगे में अंतिम संस्कार किया जाएगा और वह हमेशा के लिए हमसे जुदा हो जाएँगी। राजकीय सम्मान के साथ होगा लता दीदी का अंतिम संस्कार।

    लता दीदी का निधन भारत की समृद्ध विरासत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने ३२ भाषाओं में ५०,००० से ज़्यादा गानों को अपनी मधुर आवाज़ दी है। भारतीय सभ्यता और गायन में उनका अमूल्य योगदान सदियों तक याद रखा जायेगा।

    ऐसे स्तिथि में लता दीदी का गया गीत याद आता है :

    नाम  गुम जायेगा, चेहरा ये बदल जायेगा
    मेरी आवाज़ ही पहचान है, गर याद रहे

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