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    भारत की कुल संपत्ति

    क्रेडिट सूइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2017 ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में भारत की कुल संपत्ति 9.9 फीसदी इजाफे के साथ 5 ट्रिलियन अरब डॉलर हो चुकी है। भारत की संपत्ति में 451 अरब डॉलर की यह बढ़ोतरी विश्व स्तर पर किसी देश द्वारा 8वां सबसे बड़ा धन लाभ है।

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि साल 2017 के मध्य तक भारत में करोड़पतियों की संख्या में कुल 21.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। यानि 2017 के मध्य तक 988 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ करोड़पतियों की संख्या 2,45,000 हो चुकी है। वहीं देश में अल्ट्रा हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों की संख्या 41.5% बढ़ोतरी के साथ 1,820 हो चुकी है। ( संबधित खबर : भारत के सबसे अमीर व्यक्ति कौन हैं? )

    आपको बता दें कि अल्ट्रा हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तियों की संख्या मामले में भारत पूरे विश्व में 14वें स्थान पर काबिज है। अरबपतियों की संख्या 56% बढ़ोतरी के साथ 42 हो गई है। क्रेडिट सुइस ने अनुमान लगाया है कि साल 2022 तक देश में करोड़पतियों की संख्या बढ़कर 3,72,000 हो जाएगी।

    क्रेडिट सुइस के अनुसार पिछले 12 महीनों में अधिकांश आर्थिक प्रभाव सकारात्मक रहे हैं, ऐसे में भारत के बाजार पूंजीकरण में 30 फीसदी का इजाफा, घर के दामों में 10 फीसदी तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपए के मूल्य में भी 4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
    साल 2000 के बाद से भारत ने अपनी पूंजी में सालाना 9.2 फीसदी की बढ़ोतरी की है। जबकि ग्लोबल स्तर पर यह औसत दर 6 फीसदी के आसपास रही है।

    संस्था क्रडिट सुइस का मानना है कि साल 2022 तक पूंजी को 7.1 खबर डॉलर तक पहुंचाने के लिए देश को 7.5 फीसदी के दर से विकास करना होगा। रिपोर्ट के अनुसार 2000-2017 से 7% औसत विकास दर के साथ साल 2017 के मध्य तक भारत में प्रति वयस्क के पास 5980 डॉलर की पूंजी है।

    गौरतलब है कि भारत में अभी भी निजी संपत्तियों और अन्य वास्तविक परिसंपत्तियों का प्रभुत्व बना हुआ है। जो कि देश की घरेलू संपत्ति का कुल 86 फीसदी है।  क्रेडिट सुइस के अनुसार समग्र घरेलू ऋण भारत में संपत्ति के अनुपात के रूप में विक​सित देशों की तुलना में कम है। वहीं भारत के प्रति व्यक्ति का ऋण उनकी कुल परिसंपत्तियों का 9 फीसदी आंका गया है।

    भारत की बढ़ती आबादी के बीच पूंजी का बढ़ना एक शुभ संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 के मध्य तक वैश्विक पूंजी 6.4% की दर से बढ़ी, जो कि 2012 के बाद से सबसे अधिक विकास दर है।