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    Ind US 2=2 Dialogue

    भारत और अमेरिका के बीच 2+2 बातचीत (Dialogue) के दौरान कोविड-19, सप्लाई-चेन, जलवायु-परिवर्तन आदि कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा हुई लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia’s War on Ukraine) उसके द्विपक्षीय और वैश्विक परिणाम तथा उस पर भारत का पक्ष प्रमुखता से छाया रहा।

    दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रालयों के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री श्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने कहा- “निश्चित तौर पर मेरी और सेक्रेटरी ब्लिंकेन (US Secretary of State) की मुलाकात में यूक्रेन में जारी युद्ध और उसके कई परिणामों पर चर्चा हुई।”

    वहीं उनके अमेरिकी समतुल्य ब्लिंकेन ने कहा कि उन सभी देशों को, जो खासतौर  पर लाभ उठाने वाले, मिलकर पुतिन को युद्ध रोकने के लिए दबाव बनाना होगा। उन्होंने दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों को साथ खड़े होने और एक सुर में अपने साझा मूल्यों (लोकतांत्रिक) को बचाना होगा।

    ब्लिंकेन ने आगे कहा, “ये लोकतांत्रिक मूल्य हर जगह एक समान रूप से लगाये जाने चाहिए- उदाहरण के तौर पर ना सिर्फ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo-Pacific) जहाँ भारत को चीन से खतरा है, बल्कि यूक्रेन के हालात पर भी..।”

    दोनों विदेश मंत्रियों ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत-रूस संबंधों का जिक्र कई बार किया।

    भारत - अमेरिका के बीच 2+2 बातचीत (Dialogue)
    Image Source: News NCR

    भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के सवाल पर जयशंकर की दो टूक

    एक पत्रकार द्वारा भारत-रूस सम्बंधो और भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर दो बार सवाल करने पर भारतीय विदेश मंत्री थोड़े खफा भी दिखे।

    उन्होंने उस सवाल का जवाब देते हुए कहा- ” आंकड़ो के अनुसार, भारत जितना तेल रूस से 1 महीने में खरीदता है, यूरोप उसी रूस से उतना तेल शायद एक शाम में खरीद लेता है। इसलिये आपको (पत्रकार के लिए) इस बाबत भी सोचना चाहिए।”

    खाद्य पदार्थ और ऊर्जा संकट पर भी हुई चर्चा

    श्री जयशंकर ने यह भी कहा कि दोनों देश मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में पैदा हुए खाद्य पदार्थ और ऊर्जा क्षेत्र में उत्पन्न नकारात्मक असर पर भी बातचीत कर रहे हैं। आपको बता दें, यह मुद्दा पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच की बातचीत में भी छाया रहा था।

    श्री जयशंकर ने कहा कि गेहूं और गन्ने की वैश्विक कमी की पूर्ति के लिए भारत ने पहले ही दुनिया कब कई देशों की मदद करने की शुरुआत कर दी है।

    ब्लिंकेन ने भारत-रूस संबंध और अमेरिका की भूमिका का जिक्र किया

    अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट श्री ब्लिंकेन ने भारत रूस सम्बंधो पर जोर देकर कहा कि भारत और रूस के बीच बहुत ही “ऐतिहासिक और लंबा संबंध” रहा है। तब इतिहास में अमेरिका अच्छा पार्टनर नहीं बन सकता था लेकिन आज अमेरिका भारत के साथ अच्छे सबंध बनाने के लिए “इच्छुक भी है और योग्य भी”।

    यूक्रेन संकट पर भारत के रूख को लेकर ब्लिंकेन ने कहा कि यूक्रेन में मारे गये आम नागरिकों के मुद्दे पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में बुलंद आवाज उठाई है और श्री जयशंकर ने अपने संसद भवन में भी यही रुख जताया है।

    भारत पर CAATSA प्रतिबंध नहीं लगाएगा अमेरिका

    भारत द्वारा रूस से खरीदे गए S-400 मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका भारत पर वही प्रतिबंध (CAATSA) थोप सकता है जो उसने इसी सुरक्षा प्रणाली के खरीदने को लेकर तुर्की के ऊपर लगाए थे।

    लेकिन यहाँ पर भारत के वैश्विक महत्व साफ दिखाई दिया जब ब्लिंकेन के साफ तौर पर कहा कि भारत पर ऐसे प्रतिबंध लगाने को लेकर अभी ऐसी कोई चर्चा है ना कोई इरादा।

    मानवाधिकार के हनन के बढ़ते मामलों पर नजर

    सेक्रेटरी ब्लिंकेन ने भारत मे मानवाधिकार हनन के बढ़ रहे मुद्दे को भी उठाया और कहा कि अमेरिका इस पर अपनी नज़र बनाये हुए है। अमेरिका अपना वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट मंगलवार को जारी करेगा। ब्लिंकेन ने कहा, दोनों देश मानवाधिकार सहित सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    युद्ध-क्षेत्र में सहयोग से जुड़ा एक MoU भी साइन किया

    सोमवार को दोनों देशों ने स्पेस-स्थिति और जागरूकता (Space situational Awareness) से जुड़ा एक MoU (Memorandum of Understanding) भी साइन किया है- जिस से आउटर-स्पेस में साझा सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। अमेरीकी रक्षा सचिव श्री ऑस्टिन (Llyod Austin) ने कहा कि दोनों देशों के बीच ना सिर्फ आउटर स्पेस बल्कि साइबर-सुरक्षा पर भी वृहत सहयोग पर भी चर्चा हुई है।

    कई क्षेत्रीय मुद्दों पर भी हुई चर्चा

    प्रेस कॉन्फ्रेंस में दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान का कई बार जिक्र किया लेकिन उनके अमेरिकी समतुल्य श्री ब्लिंकेन ने इस पर सीधा प्रतिक्रिया नहीं दी।

    दोनों देशों के बीच भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट और पाकिस्तान में तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य पर भी चर्चा हुई।

    By Saurav Sangam

    | For me, Writing is a Passion more than the Profession! | | Crazy Traveler; It Gives me a chance to interact New People, New Ideas, New Culture, New Experience and New Memories! ||सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ; | ||ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ !||

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