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    अमित शाह वसुंधरा राजे

    5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पहले सार्वजानिक वक्तव्य में कहा कि पार्टी हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली हार पर आत्मनिरीक्षण करेगी क्योंकि ये देश और पार्टी दोनों के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस समीक्षा से हमें 2019 के लोकसभा चुनाव में हिंदी हार्टलैंड के चुनाव जीतने में मदद मिलेगी।

    उन्होंने कहा कि हालिया परिणाम पार्टी के पक्ष में नहीं रहे लेकिन ये आम चुनाव के लिए कोई उदाहरण सेट नहीं करता।
    उन्होंने कहा “राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव परिणाम निश्चित रूप के हमारे पक्ष में नहीं रहे लेकिन इसे लोकसभा चुनाव से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव अलग अलग मुद्दों पर लड़े जाते हैं इसलिए राज्य चुनावों को लोकसभा चुनावों के साथ जोड़ कर नहीं देखा जा सकता।”
    शाह मुंबई में रिपब्लिक टीवी के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा “”हम लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं; हम चुनाव परिणामों पर आत्मनिरीक्षण करेंगे … न केवल बीजेपी के लिए बल्कि देश के लिए भी जरूरी है कि बीजेपी हिंदी हार्टलैंड के क्षेत्रों में अगले जीते।
    शाह ने यह भी कहा कि 2019 के चुनावों से पहले गठबंधन की सहयोगी शिवसेना के साथ वार्ता चल रही थी। पिछले कुछ सालों में दोनों सहयोगियों के बीच सम्बन्धो में कुछ तनाव आ गया था लेकिन मुझे यकीन है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में शिवसेना हमारे साथ रहेगी। उनके साथ बातचीत चल रही हैं।”

    विपक्षी महागठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि “विपक्षी महागठबंधन की सच्चाई अलग है। ये अस्तित्व में ही नहीं है। ये एक भ्रम है।

    15 वर्षों के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छिनी। जबकि राजस्थान में भाजपा को हराकर 5 वर्षों बाद कांग्रेस फिर सत्ता में आई। छत्तीसगढ़ में तो भाजपा की बुरी हार हुई और पार्टी 90 में से सिर्फ 15 सीटें ही जीत सकी।

    मिजोरम और तेलंगाना में भी भाजपा को नुकसान हुआ। दोनों राज्यों में पार्टी केवल 1 सीट जीत पाई।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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