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    Smriti-Irani-

    शुक्रवार को अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी दोनों का दौरा था। एक ही दिन दोनों के अमेठी में होने के कारण माना जा रहा था कि अमेठी का राजनितिक तापमान चरम पर होगा। लेकिन राहुल गाँधी कल अमेठी नहीं पहुंचे और स्मृति इरानी ने उनपर ताबड़तोड़ हमले कर राहुल के गढ़ में राजनितिक बढ़त हासिल कर ली।

    एक तरफ जहाँ राहुल का इंतज़ार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता उनके न आने से निराश थे वहीँ स्मृति इरानी सुबह ही अमेठी पहुँच कर माहौल जमा चुकी थी।

    कल योजनाओं का शुभारम्भ करने के बाद उन्होंने जनेऊ से लेकर राफेल तक पर राहुल पर जोरदार हमले किये। दिल्ली में जहाँ एक तरफ लोकसभा में रक्षामंत्री राहुल के खिलाफ मोर्चा संभाले थी वहीँ दूसरी तरफ राहुल के गढ़ अमेठी में स्मृति राहुल को घेर रही थी।

    अमृती ने कहा की अमेठी को अपने सांसद के दर्शन किये ज़माना बीत जाता है। अगली बार जब राहुल अमेठी आयें तो हम उनका विकसित अमेठी में स्वागत करेंगे।

    2014 के बाद ये स्मृति की 28वीं अमेठी यात्रा थी। उन्होंने कहा राहुल बस रिश्तों की दुहाई देते हैं लेकिन काम नहीं आते हैं। 

    आहुल के स्वागत के लिए अमेठी में पोस्टर लगे थे ‘2018 के विजेता का 2019 में स्वागत’ वही स्मृति के स्वागत में भी पोस्टर लगे थे जिसमे उन्हें दीदी  कह कर संबोधित किया गया था। स्मृति ने कहा “2014 में मैं भाजपा उम्मीदवार बन कर आई थी और यहाँ दीदी बन गई।”

    अमेठी में राहुल के भावी प्रधानमंत्री के भी पोस्टर लगे थे जिस पर स्मृति ने मुंगेरी लाल के हसीं सपने कह कर तंज किया।

    अमेठी से लौटते वक़्त लखनऊ एअरपोर्ट पर स्मृति ने कहा “क्या राहुल जी सिर्फ चुनावों के वक़्त ही जनेऊ पहनते हैं?”

    भाजपा की नज़र अमेठी पर है क्योंकि वो जानती है अगर राहुल वहां से चुनाव हार गए तो उनका राजनितिक कैरियर ख़त्म हो जाएगा और स्मृति ही एक ऐसी उम्मीदवार है जो उन्हें टक्कर दे सकती है। महिला है, तेज तर्रार है और स्मृति दीदी बनकर अमेठी में पहचान बना चुकी है। हारने के बाद भी स्मृति ने अमेठी को नहीं छोड़ा।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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