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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ

    पाकिस्तान हुकूमत से बेदखल और पनामा पेपर खुलासे में 10 वर्ष कारावास की सजा भुगत रहे नवाज़ शरीफ अपनी दिवंगत बेगम कुलसुम शरीफ के जनाजे में शिरकत के बाद वापस जेल लौट गये हैं।

    पूर्व प्रधानमंत्री के साथ उनकी बेटी मरियम और दामाद रिटायर्ड कैप्टेन मोहम्मद सफ़दर को भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर सज़ा सुनाई गई थी।

    शरीफ को अपनी बेगम के अंतिम दर्शन के लिए अदालत से पांच दिन की पैरोल मिली थी। तानाशाही के दौर में जंग जीतने वाली कुलसुम नवाज़ लन्दन में कैंसर से जंग हार गई।

    नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री और दामाद बेगम कुलसुम को अंतिम अलविदा कहने पैरोल पर लन्दन गये थे।

    नवाज़ शरीफ दो माह पहले लन्दन में अवैध संपत्ति खरीदने के जुर्म में दोषी पाए गये, लिहाजा उन्हें 10 वर्ष के कारावास का दंड मिला।

    वह लाहौर हवाइअड्डे से एक विशेष विमान से रावलपिंडी पहुंचेगे। सूत्रों के मुताबिक शरीफ परिवार के अन्य सदस्यों को नवाज़ शरीफ के साथ लाहौर हवाईअड्डे तक आने की अनुमति दी गई है।

    नवाज़ शरीफ के भाई और पंजाब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शाहबाज़ शरीफ भी विशेष विमान में अपने भाई के साथ रावलपिंडी आयेंगे।

    मीडिया ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के सभी नेता शरीफ के निवास स्थान जती उमरा पर मौजूद हैं।

    हाल ही में पीएमएलएन के नेता तनवीर हुसैन ने शरीफ की पैरोल की अवधि को दोबारा बढ़ाने की याचिका दायर करने वाली ख़बरों को खारिज कर दिया।

    गत बुधवार को पंजाब सरकार ने शरीफ की पैरोल की अवधि को चार दिन बढ़ाकर सोमवार 12 बजे तक कर दी थी।

    कुलसुम मशहूर पहलवान शेर-ए-पंजाब गुलाम मोहम्मद बक्श उर्फ़ गामा पहलवान की नातिन थी।

    वह एक गृहणी होने के साथ ही तानाशाह परवेज़ मुशर्रफ से टक्कर लेने वाली एकमात्र महिला थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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