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    नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| मानसून ने जुलाई में रफ्तार पकड़ ली है लेकिन निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, अल नीनो के प्रभाव की आशंका अभी भी मंडरा रही है।

    स्काईमेट की मौसम रिपोर्ट में कहा गया, “अब इसका असर कम होने के बावजूद मौसम का रुख संकेत दे रहा है कि जुलाई में अल नीनो की 50 फीसदी संभावना है। बल्कि, मानसूनी महीनों के शेष अवधि में भी इसकी 40 फीसदी संभावना है।”

    मानसून जून में कमजोर था और कई क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हुई या सूखे की स्थिति रही। बारिश में 33 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई। अब तक जुलाई में पर्याप्त बारिश हुई है और इसके ऐसे ही रहने की उम्मीद है।

    स्काइमेट के मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के अध्यक्ष जी.पी. शर्मा ने कहा कि अल नीनो पर निगरानी कम नहीं की जानी चाहिए।

    अल नीनो को भारत में मानसून को कमजोर करने के लिए जाना जाता है और यह समय-समय पर प्रभावी होता है।

    इसी बीच दिल्ली में इस समय बारिश हो रही है। जहां पालम में 21 घंटों में मौसम की सर्वाधिक 58 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, वहीं सफदरजंग में 10 मिलीमीटर बारिश हुई।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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