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    बायोमेडिकल इंजीनियरिंग biomedical engineering in hindi

    एक मनुष्य के लिए उसका जीवित रहना सबसे महत्वपूर्ण होता है। सब जानते है कि सबकी मृत्यु होनी ही है लेकिन फिर भी कोई मरना नहीं चाहता है। इसी मृत्यु से बचने के लिए लोग कितनी ही जिद्दोजहद करते है। वैसे मृत्यु तो किसी भी वजह से हो सकती है लेकिन इसमें सबसे अहम् भूमिका निभाती है बीमारियाँ।

    बीमारियाँ हमारे शरीर को जर्जर बना देती है। इसलिए किसी भी बीमारी का सही समय पर इलाज होना बहुत जरुरी है नहीं तो स्थिति मृत्य तक भी पहुँच सकती है। यही वजह है कि पूरे विश्व में स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखा जाता है। इसलिए अस्पतालों और स्वास्थ्य प्रणालियों में दिन-प्रतिदिन सुधार होता है और इनमें हर रोज ही नया विकास होता रहता है।

    विषय-सूचि

    क्या है बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (what is biomedical engineering in hindi)

    स्वास्थ्य को सही बनाए रखने की कड़ी में सबसे जरुरी है कि बीमारियों का पता सही समय पर लगाया जाए और यह कार्य आँखों से देखकर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उपकरणों की जरुरत होती है। मानव शरीर से संबंधित उपकरण प्रक्रिया अर्थात उपयोग करने में भले ही आसान हो लेकिन उनकी बनावट तथा वे जिस तरह से कार्य करते है वह प्रणाली, बहुत जटिल होती है। साथ ही ऐसे उपकरणों के प्रयोग से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव ना हो इसका भी ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है।

    इसलिए ऐसे उपकरणों की बनावट के लिए इंजीनियरिग और मेडिकल, इन दो अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी की एक साथ जरुरत पड़ती है। इसलिए इन उपकरणों के लिए ऐसे लोगों की जरुरत पड़ती है जिन्हें इन दोनों विषयों की जानकारी हों। ऐसे लोगों को बायोमेडिकल इंजीनियर्स (जैवचिकिस्तकीय इंजीनियर्स) कहा जाता है और जिस क्षेत्र में अध्ययन कर ऐसे इंजीनियर्स उभरते है, उस क्षेत्र को ‘बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (जैवचिकित्सा इंजीनियरी)’ के नाम से जाना जाता है।

    तो इस तरह से बायोमेडिकल इंजीनयरिंग में मेडिकल में उपयोग किए जानेवाले उपकरणों को बनाने, उनकी देखभाल करने और मानव शरीर पर उनके प्रभावों के अध्यन्न का कार्य होता है।

    हम ‘बायोमेडिकल इंजीनयरिंग’ शब्द को तीन भागो में बाँट दे तो इसका अर्थ और भी अच्छे से समझा जा सकता है जो इस प्रकार है:

    • बायो अर्थात जीवन अर्थात जीवित पदार्थ अर्थात मानव शरीर
    • मेडिकल अर्थात स्वास्थ्य संबंधी, और
    • इंजीनयरिंग अर्थात किसी वस्तु को बनाने से संबंधी क्रियाकलाप।

    तो इस तरह से इसका पूरा अर्थ हुआ कि मानव शरीर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरुरी उपकरणों को बनानेवाला क्षेत्र।

    क्या करते है बायोमेडिकल इंजीनियर्स (biomedical engineers in hindi)

    जब हमने इसका अर्थ समझ ही लिया है तो यह समझना भी बहुत आसान होगा कि आखिर बायोमेडिकल इंजीनियर्स काम क्या करते है। चूँकि यह क्षेत्र बहुत व्यापक है और इसलिए यह क्षेत्र कई विभागों में विभाजित है जैसे कि बायो इस्ट्रूमेंटशन, सिस्टम फिजियोलॉजी, रिहेबिलिटेशन इंजीनियरिंग, बायो मैकेनिक्स इत्यादि इत्यादि।

    वैसे तो बायोमेडिकल इंजीनियर्स का सबसे मूलभूत कार्य होता है मानव स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों को बनाना, उनकी देखभाल करना और उनकी बनावट की सही समय पर देखभाल और मानव शरीर पर उनके प्रभावों को समझना लेकिन यही मूलभूत कार्य अलग-अलग विभागों के अनुसार और भी विशेष रूप ले लेती है।

    उदाहरण के लिए, टिशू और स्टेम सेल इंजीनियर्स, मानव शरीर में मौजूद कोशिकाओं और टिशू (ऊतकों) के बनावटी अर्थात कृत्रिम स्वरुप को बनाने का कार्य करते है जिससे यदि शरीर में किसी विशेष कोशिका या ऊतक में कोई गड़बड़ी आ जाए और उसे शरीर से निकालने की जरुरत पड़े तो उनकी जगह यह कृत्रिम स्वरुप को स्थापित किया जा सकता है। इस स्थापित करने के कार्य को ट्रांसप्लांटेशन के नाम से जाना जाता है। इससे शरीर के कार्यों को सुचारु रूप से चलने में मदद मिलती है।

    एक अन्य उदाहरण के तौर पर हम क्लीनिकल इंजीनियर्स को भी ले सकते है। इन इंजीनयर्स का मुख्य कार्य होता है मेडिकल उपकरणों की समय-समय पर जाँच करना और यह सुनिश्चित करना कि स्वास्थ्य तथा शरीर के लिए इनका उपयोग सुरक्षित है या नहीं अथवा इनके उपयोग की अवधि समाप्त तो नहीं अथवा इनमें कोई खराबी तो नहीं इत्यादि इत्यादि।

    बायोमेडिकल इंजीनयर्स द्वारा बनाए जानेवाले उपकरणों के उदहारण (devices made by biomedical engineer in hindi)

    इन उदाहरणों में शामिल है: पेसमेकर, कृत्रिम हृदय, वॉल्व, कृत्रिम ज्वाइंट रिप्लेसमेंट उपकरण, मधुमेह में शुगर की मात्रा को जाँचने के लिए उपयोग में किया जानेवाला मशीन इत्यादि।

    बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का उपयोग (use of biomedical engineering in hindi)

    • सबसे मुख्य उपयोग तो यह है कि इससे मानव शरीर की जटिलताओं को समझने में मदद मिलती है।
    • इससे शरीर की अंदरूनी हिस्सों को देखने में मदद मिलती है जिससे यदि शरीर के किसी भाग जैसे कि पेट, लिवर, किडनी इत्यादि में कोई परेशानी हो या बीमारी हो तो उसका आराम से पता लगाया जा सकता है। इसमें प्रयोग किए जानेवाले कुछ उपकरणों के उदाहरण इस प्रकार है: एक्स-रे, एमआरआई, सिटी स्कैन इत्यादि।
    • यदि शरीर के किसी विशेष भाग में कोई खराबी आती है और उसे शरीर से बाहर निकालना बहुत जरुरी हो जाता है तो शरीर के कार्य में बाधा उत्पन्न ना हो इसके लिए उस अंग के कृत्रिम स्वरूप को शरीर में स्थापित किया जाता है। इससे मनुष्य के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

    बायोमेडिकल इंजिनयरिंग का भविष्य में उपयोग (future scope of biomedical engineering in hindi)

    प्रत्येक मनुष्य को अपना जीवन बहुत प्यारा है और अपने जीवन को बचने के लिए स्वास्थ्य का दुरुस्त रहना बहुत जरुरी है। आज जिस मात्रा में नई-नई बीमारियाँ दस्तक दे रही है उतनी मात्रा में इलाज और दवाइयाँ नहीं। इसलिए भविष्य में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का क्षेत्र ऐसे उपकारों का निर्माण करने में मदद कर सकता है जिससे मनुष्य को बीमारियों का सामना करने में मदद मिल सकें। अभी तक एड्स तथा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का कोई इलाज नहीं ढूँढा जा सका है। इस बायोमेडिकल के क्षेत्र में इतनी क्षमता है कि जिससे भविष्य में इन बीमारियों से बचने तथा इनके इलाज के लिए किसी उपकरण का निर्माण किया जा सकें। एक तरह से आज विश्व में स्वास्थ्य प्रणाली कि जो स्थिति है उसे भविष्य में और भी बेहतर बनाने की क्षमता इस क्षेत्र में मौजूद है।

    तो इस तरह दो अलग क्षेत्रों, मेडिकल और इंजीनियरिंग, के संगम वाला क्षेत्र बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, मुख्यतः ऐसे उपकरणों के निर्माण से संबंधित है जो बीमारियों को पहचानने तथा उनके इलाज में मदद करता है। ऐसे उपकरणों की जटिल बनावट तथा उनके कार्य करने की प्रक्रिया (इंजीनियरिंग), उनकी देखभाल तथा मानव शरीर पर उनके प्रभाव तथ स्वास्थ्य को बेहतर करने में उनके उपयोग (बायोमेडिकल) को जानने के लिए मनुष्य के शरीर की पूरी जानकारी तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्र की पूरी जानकारी, इन दोनों का होना बहुत जरुरी है और इसलिए इस सब को मिलाकर जो एक अलग क्षेत्र बनता है उसे बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र मुख्यतः चार मुख्य विषयों बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स और गणित का अनोखा संगम है।

    इस क्षेत्र ने कई स्वास्थ्य से जुड़े कृत्रिम उपकरणों का निर्माण किया है जिससे मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बहुत सहायता मिली है। साथ ही भविष्य में स्वास्थ्य प्रणाली को और भी बेहतर बनाने की जिम्मेदारी भी यह क्षेत्र बखूभी निभा सकती है।

    कुल मिलाकर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, अपने बनाए गए उपकरणों की सहायता से मानव स्वास्थ्य की देखभाल में अहम् भूमिका निभाती है।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    2 thoughts on “जैव चिकित्सा (बायोमेडिकल) इंजीनियरिंग क्या है?”
    1. Kya biomedical se hum artificial heart bhi bana sakte Hain? Kya ye heart normal heart ki tarah function karega? Ye kitne din chalta hai?

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