Wed. Apr 24th, 2024
    फिलीस्तीन राष्ट्रपति यरूशलम

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के बाद अब फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने बयान दिया है कि वो अमेरिका के साथ किसी तरह की वार्ता नहीं करेगा।

    फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने घोषणा की है कि 6 दिसंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यरूशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता देने के बाद उनके देशवासी अब अमेरिकी शांति वार्ताकारों के साथ काम नहीं करेगा।

    इस्तांबुल में मुस्लिम नेताओं की एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए अब्बास ने ट्रम्प के फैसले को अपराध कहा है। साथ ही अमेरिका को किसी मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ की भूमिका में आने के लिए अयोग्य ठहराया। महमूद अब्बास ने कहा कि यरूशलम का मुद्दा अब संयुक्त राष्ट्र के पास जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को यरूशलम पर अपनी भूमिका का निर्वाह करना होगा।

    इस दौरान सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पूर्वी यरूशलम को फिलीस्तीन की राजधानी घोषित करने की मांग की। ट्रम्प के यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के बाद से ही कई देशों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है।

    फिलीस्तीन की 90 प्रतिशत जनता ने ट्रम्प के फैसले को नकारा

    महमूद अब्बास ने कहा कि यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने और तेल अवीव से अमेरिकी दूतावास को यरूशलम में ले जाने से शांति प्रक्रिया और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

    इसी बीच फिलिस्तीनी सेंटर फॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च द्वारा बुधवार को एक जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित किया गया। इस सर्वे के मुताबिक फिलीस्तीन की 90 प्रतिशत से अधिक जनता ने डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले को नकार दिया। वहीं 70 प्रतिशत लोगों ने फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के पद छोड़ने की इच्छा जताई।

    गौरतलब है कि व्हाइट हाउस में मई में डोनाल्ड ट्रम्प व महमूद अब्बास के बीच में मुलाकात हुई थी। तब ट्रम्प ने मीडिया को बताया था कि फिलीस्तीनी नेता जल्द ही इजरायलियों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। लेकिन वर्तमान में यरूशलम मुद्दे पर अब इजरायल व फिलीस्तीन के बीच अमेरिका की वजह से संघर्ष अधिक हो गया है।