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    अमरिंदर सिंह

    पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से केंद्र सरकार से सिन्धु जल की राज्य की तीन पूर्वी पर कैनाल का निर्माण करे ताकि जल संरक्षण हो सके और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में विस्तार हो। कैनाल के निर्माण और नदियों के इलाके में विकास से पंजाब की अर्थव्यस्था में विस्तार होगा, आर्थिक गतिविधियों में विविधता आएगी और राज्य की युवा पीढ़ी के जीवनयापन का स्त्रोत बेहतर होगा।

    नदियों पर कैनाल का निर्माण करे सरकार

    प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें यह प्रस्ताव दिया था। मुख्यमंत्री ने तीव्र गति के आर्थिक गलियारे के निर्माण का सुझाव दिया था। अमरिंदर सिंह ने मानसून के दौरान पाकिस्तान की तरफ बह रहे नदी के जल को रोकने की जरुरत को भी रेखांकित किया है।

    उन्होंने कहा कि “यह कदम राज्य की जल शक्ति के विस्तार में मददगारी होगा जो कृषि की विविधता को बढ़ावा देगा, शहरीकरण का प्रचार करेगा और उद्योगीकरण को बढ़ावा देगा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के प्रत्येक गर में पीने का पानी मुहैया करने की पहल का उन्होंने स्वागत किया है। मोदी सरकार ने नया जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया था।”

    अमरिंदर सिंह ने कहा कि “हर घर पानी-हर घर सफाई की पहल के तहत वे हर नागरिक को पीने का पानी मुहैया करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के विभाजन और साल 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के दौरान राज्य की जल शक्ति में कमी पर मुख्यमंत्री ने गहरी चिंता व्यक्त की है। राज्य की तीन महत्वपूर्ण नदिया सतलुज, रावी और बिस राज्य के सिर्फ 27 फीसदी क्षेत्र की ही सिंचाई करती है।”

    उन्होंने कहा कि “राज्य के सात जिले भविष्य में रेगिस्तान में परिवर्तित हो जायेंगे। जल प्रबंधन, नियंत्रण और नियामक के जरिये जल उत्पादन में वृद्धि की जरुरत को रेखांकित किया है।” अमरिंदर सिंह ने सतलुज नदी पर कैनाल के निर्माण का सुझाव दिया है जिसके लिए तीन से पांच साल में 4000 करोड़ रूपए के निवेश की जरुरत है।”

    मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि “इस प्रस्ताव को हकीकत बनाने में राज्य पूरा सहयोग करेगी और पंजाब सरकार की तरफ से जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियो के साथ चर्चा के लिए एक टीम को भेजेगी। उन्होंने मानसून के दौरान पाकिस्तान की तरफ बहने वाले नदी के जल को रोकने की भी मांग की है। राज्य की तीन नदिया करोब 60 प्रतिशत भाग को कवर करती है।

    उन्होंने बताया कि “राज्य की एक-तिहाई आबादी नदियों के इलाको में जीवन यापन करती है और वहां के नागरिक बाढ़ के कारण जूझ रहे हैं।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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