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    आईएमएफ

    पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति की समीक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रतिनिधि समूह पाकिस्तान में हैं और नकदी के संकट से जूझ रहे देश को छह अरब डॉलर के पहले ट्रांजेक्शन की समयसीमा में विस्तार किया गया है। जुलाई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर के राहत पैकेज देने पार्कि मंज़ूरी दी थी और आईएमएफ प्रत्येक तिमाही में प्रगति की समीक्षा भी करेगी।

    आठ सदस्यों की आईएमएफ की टीम का प्रतिनिधित्व मिडिल ईस्ट नाद सेंट्रल एशिया डायरेक्टर जिहाद अजौर कर रहे हैं और वे पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान और सरकार के अन्य अधिकारियो के साथ सिलसिलेवार बैठकों का आयोजन करेंगे।

    आईएमएफ का प्रतिनिधि समूह छह अरब डॉलर के पहले ट्रांजेक्शन की पहली किश्त के इस्तेमाल, टैक्स रेवेन्यू, व्यापार घाटे, रूपए की कीमत, नई मुद्रा पालिसी और नॉन टैक्स रेवेन्यू में सुधार करने के तरीको के बाबत बताएगा।वित्त सलाहकार हफीज शेख पाकिस्तान की आर्थिक प्रगति के बाबत प्रतिनिधि समूह को जानकारी देंगे।

    आर्थिक मामले के मंत्री हम्माद अजहर, योजना, विकास एवं सुधार के मंत्री खुसरो बख्तियार और अन्य मंत्रियो के साथ भी मुलाकात आयोजित की जाएगी। वित्त सलाहकार शेख ने मीडिया से कहा कि “आईएमएफ के अधिकारियो का आगमन एक नियमित मामला है और इसमें घबराने की कोई जरुरत नहीं है।”

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान आईएमएफ की पह्गली तिमाही में 75 अरब डॉलर की रकम को करदाताओं को वापस करने की शर्त में नाकाम हो सकते हैं। छह अरब डॉलर के आईएमएफ के कर्जे के समझौते के तहत पाकिस्तान को प्राइमरी बजट घाटे को कम करने की जरुरत है, इसे साल 2019-20 के वित्त वर्ष में बीते साल के 1.350 ट्रिलियन से 276 अरब करने की जरुरत है।

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सामाजिक और विकास खर्च के लिए पाकिस्तान से घरेलू कर राजस्व को गतिशील बनाने का आग्रह किया है और कर्ज के ग्राफ को नीचे की तरफ गिराने का आग्रह किया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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