Fri. Apr 19th, 2024
    विराट कोहली

    भारत के स्टार बल्लेबाज कप्तान विराट कोहली ने पर्थ टेस्ट मैच के तीसरे दिन अपने करियर का 25वां शतक लगाया लेकिन अपने शतक के थोड़ी देर बाद वह एक विवादस्पद कैच के रुप में आउट हुए।

    कोहली जब 123 रन पर खेल रहे थे तो वह ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पेट कमिंस की गेंद में दूसरे स्लिप में पीटर हैंडस्कोमब को कैच थमा बैठे।

    इस कैच को लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मे कई बात बनाई जा रही है क्योकि विराट कोहली आउट होने के बाद मैदान नही छोड़ा था क्योकि उनको लगा की पीटर हैंडस्कोमब ने उनका कैच सही तरीके से नही लिया और गेंद पहले ही मैदान को छू गई है, लेकिन इसको फील्ड अंपायर ने आउट करार दिया था फिर अंपायर अपने इस निर्णय को सही साबित करने के लिए थर्ड अंपायर से पुछा और रिप्ले में देखा गया की पीटर की उंगली गेंद के नीचे थी, जिसके बाद कुछ प्रशंसक कहे रहे है कि वह आउट थे तो कुछ कह रहे है कि कोहली नॉटआउट थे और अब यह एक बहस का मुद्दा बन गया है।

    कोहली इस निर्णय से नाखुश थे और अपना सिर हिलाते हुए वह पवैलियन लौट गए थे।

    कोहली जब वापस पवेलियन लोट रहे थे तो मैदान में दर्शको ने कोहली के लिए तालिया बजाई औऱ उनको फैंस भी इस फैसले से नाराज दिखे, इस कैच के बाद अब सोशल मीडिया भी दो वर्गो में विभाजित हो गया है।

    हरभजन सिंह ने इसके बाद अपने ट्विटर अकाउंट से ट्विट करते हुए अपने प्रशंसको से पुछा कि ” कोहली आउट थे या नही ? तुम लोग क्या कहते हो?”

    हर्षा भोगले, कॉमेंटेटर और विशेषज्ञ ने ट्विट किया कि, इतनी तकनीकी होने के बावजूद यह निर्णय 100 प्रतिशत से ठीक नही था।

    ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज मिचेल जॉनसान ने भी इसी कैच पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज होते तो वह पहले ही मैदान छोड़कर चले जाते।

    जॉनसन ने ट्वीट किया, ” एक बल्लेबाज दूसरे की तरफ चला गया, दोनो आउट नही थे, हैंडस्कोमब का कैच साफ तौर पर आउट था और फिर भी थर्ड अंपायर के पास जाना पड़ा, और हेजलवुड का कैच राहुल ने लिया था तब कोई सवाल क्यो नही पूछा गया, स्कोरबोर्ड दोनो फैसलो से खुश था।”

    https://twitter.com/MitchJohnson398/status/1074178214413488128

    कोहली ने पर्थ टेस्ट के तीसरे दिन अपने टेस्ट करियर का 25वां शतक लगाया, जिसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया में छह शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर चुके है। कोहली और तेंदलुकर ही भारत के क्रिकेट इतिहास मे दो ऐसे बल्लेबाज है जिन्होने ऑस्ट्रेलिया में 6 शतक लगाए है।

    कोहली टेस्ट मैचों में विदेशी दौरो में कैलेंडर वर्ष में सर्वाधिक रन बनाने वाले कप्तानों की सूची में भी दूसरी नंबर पर आ गए है। दक्षिण-अफ्रीका के बाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ग्रेम स्मिथ इस सूचि में सबसे आगे है, उन्होने 2008 मे 11 टेस्ट मैच में 1212 रन बनाए थे।

    कोहली ने इससे पहले इस सूचि में ऑस्ट्रेलिया के बॉब सिम्पसन को पिछे छोड़ा है, उन्होने 1964 में 9 टेस्ट मैच में 1018 रन बनाए थे, जिसके बाद उन्होने वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज गैरी सोबर्स को पिछे छोड़ा है उन्होने 1966 में 7 मैचो में 895 रन बनाए थे।

    ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह विराट कोहली का सातवां शतक था, कोहली ने कप्तान के तौर पर विदेशी दौरो में अभी तक 14 शतक लगाए है।

    भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर यह उनका 18वां शतक है। 30 साल के विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में दूसरे नंबर पर सबसे तेज 25 शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए है, उन्होने यह मुकाम टेस्ट क्रिकेट की 127वीं इनिंग में हासिल किया है। डॉन ब्रैडमैन ने यह मुकाम हासिल करने के लिए सिर्फ 68 इनिंग खेली थी। इस सूचि में तीसरे नंबर पर सचिन तेंदुलकर का नाम आता है उन्होने 130 इनिंग में 25  शतक लगाए थे।

    पर्थ में चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारत की टीम पहली पारी में 283 रन पर ऑलआउट हो गई थी, और ऑस्ट्रलियाई टीम ने पहली इनिंग में 43 रन की बढ़त बना रखी है।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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