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न्यूनतम समर्थन मूल्य minimum support price in hindi

विषय-सूचि

न्यूनतम समर्थन मुल्य क्या है? (Definition of Minimum support price in Hindi)

  • न्यूनतम समर्थन मुल्य वह मुल्य रहता है जिसके आधार पर भारतीय सरकार किसानों से फसल खरीदती है, भले ही वे फसल किसी भी मुल्य के आधार पर उगाये गए हों।
  • यह हमारे देश के कृषि मुल्य नीति का एक अहम् हिस्सा है।
  • इससे पहले कि कृषि उत्पादों के मुल्य में गिरावट हो, न्यूनतम समर्थन मुल्य या MSP को निर्धारित करके सरकार किसानो को होने वाले घाटा से बचा लेती है।
  • जब हमारे देश में कुछ फसलों जैसे कि खरीफ फसल का बीजारोपण का कार्य शुरू होने वाला रहता है, तो कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज या CACP के सुझाव पर भारत सरकार MSP का निर्धारण करती है।
  • अगर किसी साल किसी फसल का बहुत ज्यादा मात्रा में उत्पादन हो जाता है, ऐसे में MSP बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
  • किसानों के उत्पादन के लिए MSP गारंटी मुल्य की तरह है।

न्यूनतम समर्थन मुल्य का उद्देश्य (Objective of MSP in Hindi)

  • MSP के अंतर्गत किसानों को अधिक निवेश एवं उत्पादन के द्वारा उनके लिए खेती में लागत के अनुसार अधिक कीमत मिले, इस बात को सुनिश्चित करना है।
  • इससे खाद्य पदार्थों के संतुलित प्राप्ति एवं खपत की जरुरत की स्थिति भी सुनिश्चित रहती है।
  • यह खाद्य पदार्थों की आर्थिक पहुँच व्यवस्थित ढंग से हो पाती है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है? (How is MSP Determined)

कई मंत्रालय एवं विभाग मिलकर CACP को MSP निर्धारित करने में मदद करते हैं। खेती एवं उत्पादन का खर्चा MSP के सिफारिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसी प्रकार की कई महत्वपूर्ण जानकारियां CASP को प्रदान की जाती हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण निम्नलिखित कारकों पर आधारित रहता है:

  • उत्पादन का मुल्य
  • आतंरिक मुल्यों में होने वाले बदलाव
  • आतंरिक एवं बाहरी मुल्यों के बीच की समानता
  • फसलों के बाजारी मुल्यों का अवलोकन
  • खपत और आपूर्ति
  • कई फसलों के मुल्यों की समानता
  • औद्योगिक मुल्य संरचना का प्रभाव
  • रहन-सहन के मुल्यों पर होने वाले प्रभाव
  • मुल्यों की अंतराष्ट्रीय परिस्थिति
  • अदा किये गए मुल्य एवं किसानों द्वारा पाए गए मुल्य के बीच की समानता
  • जारी किये गए कीमत एवं सब्सिडी के ऊपर प्रभाव

इसके अलावा MSP को तय करने वाला कमीशन कई सूक्ष्म स्तर की जानकारी एवं जिला स्तर के समुच्चयों को भी ध्यान में रखती है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बिंदु आते हैं:

  • प्रति हेक्टेयर खेती की कीमत, देश के विभिन्न भागों के कीमतों की संरचना एवं उसमें होने वाले बदलाव
  • देश के विभिन्न भागों में प्रति क्विंटल उत्पादन का मुल्य एवं उसमें होने वाले बदलाव
  • मुल्यों से सम्बंधित सुझाव एवं होने वाले बदलाव
  • किसानों द्वारा ख़रीदे गए एवं बेचे गए मालों की कीमत एवं उन कीमतों के बीच का अंतर
  • आपूर्ति से सम्बंधित जानकारी जैसे कि क्षेत्र, प्राप्ति एवं उत्पादन, आयात, निर्यात, घरेलु उपलब्धता, सरकार, औद्योगिक एवं सार्वजनिक एजेंसी के साथ मौजूद स्टॉक।
  • अंतराष्टीय बाजारों के मुल्य एवं उसमें हो रहे बदलाव, वहां के उत्पादनों की खपत एवं आपूर्ति परिस्थिति।
  • खेती उत्पादों के व्युत्पन्न (जैसे गुड़, जूट, चीनी, तेल, कपास आदि) का मुल्य
  • कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण (processing) का मुल्य
  • विपणन का मुल्य – जैसे कि भण्डारण, परिवहन आदि।

न्यूनतम समर्थन मुल्य के अंतर्गत आने वाले फसल (crops under msp in hindi)

  • दाल(5) – चना, उरद, मुंग, मसूर, अरहर।
  • अनाज(7) – रागी, जोवार, बाजरा, जौ, गेहूं, धान, मक्का।
  • तेल (8) – मूंगफली, तोरी, सोयाबीन, सरसों, तिल, कुसुम (safflower), nigerseed, सूर्यमुखी तेल।
  • नारियल
  • कच्चा कपास
  • कच्चा जूट
  • सूखा हुआ नारियल
  • गन्ना
  • विर्जिनिया फ्लू के द्वारा उपचारित तम्बाकु (VFC cured tobacco)

आप अपने सवाल एवं सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में व्यक्त कर सकते हैं।

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