Wed. Apr 24th, 2024
    40,000 करोड़ रूपए का विदेशी विनिवेश

    दक्षिण कोरिया का लोट्टे ग्रुप तथा फ्रांस के प्यूज़ोटे ग्रुप ने संयुक्तरूप से भारत में 40,000 करोड़ रूपए निवेश करने के प्रस्ताव पर चर्चा की है। इन दोनों समूहों के इस कदम से एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के पीएम मोदी के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

    जानकारी के अनुसार अगले पांच वर्षों में लोट्टे ग्रुप भारत में 3 से 5 अरब डॉलर के बीच निवेश कर सकता है। दक्षिण कोरिया का यह फर्म खुदरा, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण और रियल एस्टेट में निवेश करने के साथ ही देश के रेलवे प्लेटफार्मों के विकास पर काम करेगा।

    इसके विपरीत प्यूज़ोटे ग्रुप दक्षिणी भारत में एक कार फैक्ट्री तथा इंजिन प्लांट लगाने के लिए 1.2 अरब डॉलर का निवेश करेगा। मोदी की प्रमुख योजना मेक इन इंडिया के तहत विदेशी फर्मों को निवेश के लिए स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग के लिए भूमि अधिग्रहण तथा उससे जुड़ी अन्य सहायता आसानी से मुहैया कराई जाती है। (सम्बंधित : क्या है मेक इन इंडिया योजना? )

    मोदी के इन्हीं प्रयासों के चलते विश्व बैंक ने इज आॅफ डूइंग बिजनेस सर्वे तथा ग्लोबल संस्था मूडीज ने क्रेडिट रेटिंग में भारत को अच्छी रैंकिंग दी है। लोट्टे ग्रुप ने अपने एक बयान में कहा कि वह भारत सहित अन्य देशों में व्यवसाय के अवसर तलाश रहा है, हांलाकि अभी तक इस बात की चर्चा नहीं हुई है कि किस देश में कितना निवेश किया जाएगा।

    प्यूज़ोटे ग्रुप, पेरिस के प्रवक्ता द्वारा जनवरी में दिए गए एक बयान के अनुसार सीके बिड़ला ग्रुप के साथ मिलकर भारत में 100 मिलियन यूरो निवेश की जानकारी दी गई थी। सूत्रों के अनुसार लोट्टे ग्रुप की योजना रेलवे स्टेशनों के विकास और रखरखाव के जरिए शहरी रिएल एस्टेट को डेवलप करने की है।

    यही नहीं रेलवे इस दक्षिण कोरियाई फर्म को रेस्तरां, होटल और दुकानें संचालित करने की अनुमति देगा। आप को बता दें कि लोट्टे की कन्फेक्शनरी शाखा भारत में एक नई फैक्ट्री स्थापित करने की प्रक्रिया में है।

    वर्तमान में भारत सरकार 85 बिलियन डॉलर के 550 से अधिक विदेशी निवेश प्रस्तावों पर चर्चा कर रही है, जिसके अनुसार इन विदेशी कंपनियों को आसान शर्तों पर बिजली तथा पानी की आपूर्ति की जाएगी। सरकार की प्रस्तावित योजना के अनुसार देश में खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रिक वाहनों में काम आने पुर्जों तथा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में विदेशी कारखाने स्थापित किए जाएंगे।