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    पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने जेल से रिहाई के लिए शीर्ष अदालत में गुहार लगाई है। हाल ही  इस्लामाबाद उच्च न्यायलय ने नवाज़ शरीफ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। उन्हे भ्रष्टाचार के मामले में 7 साल की कारावास की सजा सुनाई गई थी।

    जमानत याचिका खारिज

    इस्लामाबाद हाई कोर्ट की न्यायाधीश आमिर फ़ारूक़ और न्यायाधीश मोहसिन अख्तर की दो सदस्यीय पीठ ने ऐलान किया कि जमानत याचिका को ख़ारिज किया जा चुका है। इस दौरान पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के कई नेता, साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ भी फैसले के दौरान अदालत में मौजूद थे।ॉ

    नवाज़ शरीफ के डॉक्टर अदनान खान ने कहा कि उनकी हालत काफी खराब है और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का जेल में मुनासिब इलाज मुमकिन नही है क्योंकि उन्हें हृदय संबंधित गंभीर बीमारी है। उन्होंने कहा कि उचित इलाज के लिए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए ।

    भ्रष्टाचार पर घिरे नवाज

    नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर से सम्बंधित रिश्वतखोरी के आरोप में सात वर्ष की कारावास की सज़ा सुनाई थी। 69 वर्षीय नवाज़ शरीफ को अल अजीजिया स्टील मिल रिश्वतखोरी केस में सात साल की कैद की सजा मिली थी। एवेनफील्ड प्रॉपर्टीज केस, फ्लैगशिप इन्वेस्टमेंट और अल अजीजिया स्टील मिल केस को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने 8 सितम्बर 2017 को अदालत के समक्ष रखा था, इसकी कार्रवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नवाज़ शरीफ को अयोग्य करार दिया था।

    जुलाई, 2018 में नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री मरयम और दामाद कैप्टेन मुहम्मद सफ़दर को क्रमशः बारह, आठ और एक वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई थी। अलबत्ता तीनो को सितम्बर 2017 में इस्लामाबाद उच्च न्यायलय ने जमानत दे दी थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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