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    पाकिस्तान के वजीर ए आलम इमरान खान

    पाकिस्तान को धार्मिक आज़ादी के अधिकार के उल्लंघन के कारण अमेरिका ने ब्लैक लिस्ट यानी काली सूची में डाल दिया था। पाकिस्तान ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अमेरिका का यह निर्णय राजनीति से प्रेरित और एकतरफा निर्णय है। पाकिस्तान ने कहा कि मुस्लिम बहुसंख्यक राष्ट्र एक बहु धार्मिक और बहुलवादी समाज है, जहां भिन्न आस्थाओं के लोग एकजुट होकर रहते हैं।

    ट्रम्प प्रशासन ने मंगलवार को पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब और सात अन्य राष्ट्रों को धार्मिक आज़ादी के अधिकार के उल्लंघन के कारण काली सूची में डाल दिया था। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि पाकिस्तान को उन्होंने चिंताजनक देशों की फेराहिश्त में शामिल किया है। कांग्रेस की सालाना रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार पर धार्मिक अधिकार का उल्लंघन बंद करने का दबाव बनाया है।

    पाकिस्तान अमेरिका की ब्लैक लिस्ट में शुमार

    पकिस्तान के विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान अमेरिकी विभाग के एकतरफा कदम और राजनीति से प्रेरित है। यह अमेरिका के स्पष्ट पक्षपात रवैये को दर्शाता है। यह पाकिस्तान की साख और निष्पक्षता के दावों को खारिज करती है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक बहु धार्मिक और बहुलतावादी राष्ट्र हैं, जहां भिन्न धर्म के लोग एकजुट होकर रहते हैं।

    उन्होंने कहा कि यहां अल्पसंख्यकों को बराबरी का अधिकार और वह बिना रोकटोक यहाँ मानवधिकार का लुत्फ़ उठाते हैं, यह पाकिस्तान के संविधान का सिद्धांत हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने स्थायी कानून और प्रशासनिक तंत्र की स्थापना की है ताकि नागरिकों के अधिकारों की हिफाज़त की जा सके। उन्होंने कहा कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पक्सितन को किसी अन्य देश की नसीयत की जरुरत नहीं है।

    अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने मंगलवार को कहा कि इस सूची में नौ अन्य देश भी शामिल है, चीन, इरीट्रिया, ईरान, म्यांमार, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, सूडान, तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान हैं। इसके आलावा अमेरिका की सूची में हिन्द महागर का द्वीप कोमोरोस भी है. जिसमे सुन्नी मुस्लिम बहुसंख्यक हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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