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    UDDHAV THAKRE

    शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि देश में ‘चुपचाप आपातकाल आ रहा है।’

    महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना अक्सर भगवा पार्टी पर निशाना साधती रहती है। महाराष्ट्र विधानसभा में अलग अलग चुनाव लड़ने के बाद तो शिवसेना के हमले भाजपा पर और मुखर हो गए हैं।

    मुंबई में दो समारोहों में सम्मिलित होने के बाद उद्धव पत्रकारों से बात कर रहे थे।

    एक प्रश्न के उत्तर में, ठाकरे ने कहा कि पत्रकारों को आलोचना करते समय कठोर शब्दों का उपयोग करने से दूर नहीं होना चाहिए, और कहा कि अगर ऐसी आलोचना का इरादा शुद्ध है तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

    ‘ऐसे में जब देश में गुपचुप तरीके से आपातकाल आ रहा है तो क्या हमें चुप रहना चाहिए।’ ठाकरे ने पूछा।

    भाजपा पर तंज कसते हुए, ठाकरे ने कहा कि बाबरी विध्वंस मामले को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान फिर से खोल दिया गया था और अब राम मंदिर मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले उठाया जा रहा है।

    हालाँकि ठाकरे ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों से जाहिर हो रहा था कि  वह वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर उस वर्ष अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले जुलाई 2017 में राष्ट्रपति पद के लिए सबसे बड़े उम्मीदवार माने जा रहे थे लेकिन फैसले ने उन्हें राष्ट्रपति की रेस से बाहर कर दिया।

    19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के साथ आडवाणी पर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर अपराध के लिए के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

    अपने अयोध्या दौरे के सवाल पर उद्धव ने कहा कि वो 25 नवम्बर को आयोध्या जाएंगे लेकिन किसी रैली को सम्बोधित करने के बारे में अभी कोई योजना है।

    अयोध्या में राम मंदिर के लिए अपने पार्टी के अभियान को तेज करने के लिए ठाकरे ने एक नया नारा दिया – “पहले मंदिर, फिर सरकार”। राम मंदिर बनाने के लिए सभी को एक साथ आना है। मेरे पास अभी विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से कहने के लिए कुछ नहीं हैं। मैं तय करूँगा कि रैली को सम्बोधित करना है या नहीं।’

    विश्व हिन्दू परीक्षण ने 10 नवम्बर को घोषित किया था कि 25 नवम्बर को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए एक बड़ी रैली होगी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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