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    दिल्ली में प्रदुषण का असर

    दिल्ली में धुंध से पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त है। लोगो का घर से बहार निकलना तो दूर जीने के लिए सांस लेना भी अब मुश्किल हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्मॉग को हार्ट डिसीज के लिए एक बड़ा खतरा माना है।

    मनीष सिसोदिया ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पत्र को गंभीरता से लेते हुए 5वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टी कर दिया है। गाजियाबाद में भी स्कूलों में छुट्टी कर दिया गया है। धुंध का असर न सिर्फ इंसानों बल्कि मशीनों पर भी देखने को मिल रहा है। नई दिल्ली में करीब 5 ट्रेनों की टाइमिंग बदली गई है, 53 ट्रेनें देरी से चल रही है और 1 ट्रेन को कैंसिंल कर दिया गया है।

    प्रदुषण को कम से कम करने के लिए सरकार ने तरह तरह के उपाय करने शुरू कर दिए है। जिनमे प्राथमिक विधालयों को बंद करने और पार्किंग शुल्क को 4 गुना बढ़ाना शामिल है। गौरतलब है कि बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों जूझ रहे लोगों के लिए सरकार ने स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है।

    उधर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रदुषण के इस मुद्दे पर दिल्ली, युपी और हरियाणा सरकार को दोषी ठहराया है। तथा सवाल किया है कि ”ये पता होते हुए कि आने वाले समय में ऐसे हालत उतपन्न हो सकते है तीनो राज्यों के सरकारों ने कुछ क्यों नहीं किया”।

    हालत हाथ से निकलता देख सरकार अब इसको कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है दिल्ली और आसपास के राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा को ईपीसीए ने निर्देश दिया है कि निजी वाहनों के स्थान पर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करे।

    सड़क निर्माण एजेंसियों को दिल्ली-एनसीआर में धूल प्रदूषण नियमों के उल्लंघन पर ईपीसीए ने 50 हजार रूपए जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।