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    मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने दावोस में हैं। इस दौरान उनकी कई निवेशकों से मुलाकात हुई, जिसमें से कई निवेशकों ने राज्य में निवेश के लिए उत्सुकता दिखाई। कई कंपनियां चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने को तैयार हैं।

    राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के दावोस दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “दावोस में मुख्यमंत्री की 70 देशों के निवेशकों से संवाद हुआ और इसके बाद राज्य में 4125 करोड़ रुपये का निवेश आ रहा है। यह राज्य के इतिहास में निवेश के मामले में सबसे बड़ी घटना है।”

    आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ से अमेजन वेब सर्विस के उपाध्यक्ष मेक्स पीटरसन से विस्तारपूर्वक चर्चा की।

    मुख्यमंत्री से उन्होंने बताया कि फिलहाल नई दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरू, पुणे, चेन्नई मिलाकर छह स्थानों पर उनकी कंपनी काम कर रही है। इसमें दिल्ली, मुम्बई और चेन्नई में डेटा सेंटर हैं। मध्यप्रदेश में भी कंपनी अपनी आमद दर्ज कराना चाहती है।

    मुख्यमंत्री ने पीटरसन को बताया कि मध्यप्रदेश में डेटा सेंटर व्यवसाय के लिए जरूरी जमीन, बिजली और श्रम आदि सभी परिस्थितियां मौजूद हैं। डेटा सेंटर के लिए प्रदेश में अलग-अलग नौ स्थानों पर 690 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इस क्षेत्र में आने वाली कंपनियों को सरकारी जमीन पर इकाइयां लगाने की लागत में 75 फीसदी तक की रियायत भी मिल सकेगी।

    इससे पहले मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अध्यक्ष बर्ज ब्रेंडे से और लुलु ग्रुप के मालिक मोहम्मद यूनुस अली से मुलाकात की। राज्य में कई निवेशकों ने निवेश की बात कही। मंडीदीप में स्थित दावत फूड कंपनी लिमिटेड को सऊदी सरकार की कंपनी सऊदी अरब एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक इन्वेस्टमेंट कंपनी से 125 करोड़ रुपये विदेशी निवेश मिला है।

    इसके अलावा कुल 650 मेगावाट क्षमता की दो केंद्रीय पवन परियोजनाएं भी अनुमोदित हो गई हैं। प्रत्येक परियोजना 325 मेगावाट क्षमता की है। सट बैंक एनर्जी (जापान) द्वारा और एक्टिस (इंग्लैंड) द्वारा क्रियान्वित की जाएगी। इसमें कुल 4000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

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