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    अमेरिका और दक्षिण कोरिया का ध्वज

    अमेरिका और दक्षिण कोरिया गुरूवार को वांशिगटन में ‘वर्किंग ग्रुप’ की बैठक का आयोजन करेंगे। इस बैठक में वे ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण प्रकिया को बहाल करने के बाबत बातचीत करेंगे। हनोई में उत्तर कोरिया और अमेरिका की बैठक के बाद दक्षिण कोरिया के साथ वांशिगटन की यह पहली मुलाकात है।

    कोरिया टाइम्स के मुताबिक दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय की कोरियन पेनिनसुला पीस रेजिम ब्यूरो के डायरेक्टर जनरल रही डाँग एओल वांशिगटन में उत्तर कोरिया के लिए उप राज्य सचिव अलेक्स वोंग से मुलाकात करेंगे। अंतर-कोरियाई मसलों पर वे व्यापक चर्चा करेंगे। मसलन, काएसोंग इंडस्ट्रियल काम्प्लेक्स कोदोबरा शुरू करना और परिवारों के मिलन के लिए प्रतिबंधों में रियायत है।

    दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन अमेरिका और उत्तर कोरिया के हनोई सम्मेलन के बाद बातचीत को जारी रखने मार्ग तलाश रहे हैं। हनोई में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात का परिणाम कुछ ख़ास नहीं रहा और बिना समझौते के बैठक को रद्द कर दिया गया था।

    डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य ऐतिहासिक मुलाकात बीते वर्ष जून में सिंगापुर में हुई थी, जहां उत्तर ककोरा के शासक ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। दोनों नेताओं के बीच बीते माह हनोई में दूसरा शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना किसी संयुक्त बयान के शिखर सम्मलेन के बाद कहा कि “यह प्रतिबंधों के लिए हुआ, वो चाहते थे सभी प्रतिबंधों को पूर्ण रूप से हटाया जाए लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते थे।” दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति दफ्तर ब्ल्यू हाऊस के प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि इस शिखर सम्मेलन में दोनो नेता किसी समझौते पर नहीं पंहुच पायें हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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