Sat. Apr 20th, 2024
    भारत आसियान चीन

    भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के ऊपर दक्षिणी चीन सागर को लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर करारा निशाना साधा है। पीएम मोदी ने आसियान देशों के प्रमुखों के साथ मिलकर समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। भारत व आसियान ने मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई करने की प्रतिज्ञा भी ली।

    भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्र के अंतरराष्ट्रीय कानून की पालना की महत्ता बताते हुए पीएम मोदी ने गुरूवार को आसियान देशों को अपने पक्ष में लिया और सहयोग जताने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि आसियान देशों व चीन के बीच में दक्षिणी चीन सागर को लेकर पिछले कई समय से विवाद चल रहा है।

    चीन इस सागर पर सिर्फ अपना हक जमाता है जबकि अन्य देशों का भी इस सागर पर अधिकार है। दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन लगातार अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।

    पीएम मोदी ने आसियान के साथ संबंधों को बताया मजबूत

    पीएम मोदी ने भारत व आसियान के 25 वर्षों के ऐतिहासिक संबंधों के मजबूत होने के अवसर पर आयोजित स्मारक शिखर सम्मेलन संवाद संत्र में गुरूवार को कहा कि भारत नियम आधारित सामाजिक व शांति मूल्यों की स्थापना के लिए आसियान देशों की दृष्टि को मानता है। मोदी ने कहा कि भारत आसियान क्षेत्रीय सहयोग के साथ समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए हमेशा से प्रतिबद्ध रहा है।

    आसियान देशों व चीन के बीच चल रहा है विवाद

    गौरतलब है कि आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल है। इनमें से अधिकतर देशों का चीन के साथ समुद्री क्षेत्रों को लेकर विवाद चल रहा है। वहीं भारत इन विवादों के मद्देनजर आसियान देशों के साथ नजदीकी बना रहा है।

    शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसके अनुसार दोनों पक्षों ने शांति, स्थिरता, समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आम सहमति जताई है। साथ ही समुद्री क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानूनों की पालना करत हुए वैध व्यापार  करने की प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।

    दक्षिणी चीन सागर को लेकर कहा कि हम यहां पर आचार संहिता के पूर्ण रूप से प्रभावी होने का समर्थन करते है। पीएम मोदी ने कहा कि आसियान देशों के साथ 25 वर्षों में हमारा व्यापार 25 गुना बढ़ गया है। व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए निवेश को बढ़ाएंगे। पीएम मोदी के अलावा अन्य देशों के प्रमुखों ने भी अपना संबोधन दिया।