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    चीन दक्षिणी चीन सागर

    अमेरिका और चीन के मध्य व्यापार युद्ध के अलावा विस्तारवादी मंसूबों का सैन्य युद्ध भी जारी है। अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने कहा कि चीन की विवादित दक्षिणी चीनी सागर पर सैन्य गतिविधियां जारी है। अमेरिका के लिए चीन का इस क्षेत्र में हिंसात्मक तरीके से आर्थिक लूटपाट परेशानी का सबब बना हुआ है।

    चीन दक्षिणी चीनी सागर में अमेरिका से और पूर्वी चीनी सागर में जापान से साथ विवादों में उलझा हुआ है। इन दोनों क्षेत्रों में मिनरल, प्राकृतिक संसाधन और तेल की भरमार है।

    चीन लगभग पूरे दक्षिणी चीनी सागर पर अपना दावा ठोकता है। वियतनाम, फ़िलीपीन्स, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान भी इस विवादित क्षेत्र पर अपना दावा ठोकते हैं।

    अमेरिका दक्षिणी चीनी सागर की स्वतंत्रता के लिए गश्त करता करता रहता है। वहीं चीन ने कई द्वीपों का निर्माण कर उन्हें सैन्यकरण कर दिया है। यहां तैनात सेनाओं का कार्य इस क्षेत्र पर नियंत्रण करना है।

    अमेरिकी रक्षा सचिव ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा कि दक्षिणी चीनी सागर पर सैन्यकरण का जारी रहने से अमेरिका बेहद चिंतित है। उपराष्ट्रपति  माइक पेन्स के भाषण के हवाला देते हुए रक्षा सचिव ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन चीन से मज़बूत सम्बन्ध के इच्छुक है जिसका आधार पारस्परिक, निष्पक्ष और सम्प्रभुता का आदर हो। मसलन अंतर्राष्ट्रीय कानून और हर छोटे-बड़े राष्ट्र की सम्प्रभुता का मान रखा जाए।

    जेम्स मैटिस ने कहा कि अमेरिका और चीन दो शक्तिशाली राष्ट्र है। वो समय गया जब एक दूसरे के पैरों पर गिरते थे अब अब कोई ऐसा मार्ग तलाशना होगा जो हमारे रिश्तों को कायम रखे। दो राष्ट्रों के मध्य सैन्य सम्बन्ध रिश्तों को बरक़रार रखते हैं।

    जेम्स मट्टीस ने कहा कि अमेरिका चीन से आमना-सामना करने की नहीं सोच रहा है। हम इसमें मसले पर सैन्य मुकाबले के बाबत बिलकुल विचार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा अंतर्राष्ट्रीय एयरस्पेस और अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग पर हम हवाईयात्रा और जलयात्रा करना जारी रखेंगे। इससे हमारे समकक्षीयों के साथ हमारे संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

    जेम्स मैटिस ने कहा हम जलयात्रा रखना जारी रखेंगे। अंतर्राष्ट्रीय कानून का कोई राष्ट्र उल्लंघन नहीं कर सकता है।हमारी नीतियां नहीं बदली हैं और ना हीं हम विवादित क्षेत्र में सैन्यकरण स्वीकार करेंगे। वियतनाम की यात्रा के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव सिंगापुर में एशियाई देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शरीक होंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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