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    मोदी-ट्रम्प

    अमेरिका के पहले दौर के प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती दिख रही है वही दूसरे दौर के प्रतिबंध 4 नवंबर से लागू हो जाएंगे जो विश्व के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

    ट्रम्प प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि हमारे दोस्त भारत में तेल की आपूर्ति के लिए ईरानी तेल के अलावा अन्य विकल्पों को तलाश रहा है ताकि भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित न हो।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान पर पहले दौर के प्रतिबंध लगा दिए है। दूसरे दौर के प्रतिबंध में अमेरिका ने अपने सहयोगियों को आगाह किया है कि ईरान से तेल निर्यात न करे।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने सख्त लफ़्ज़ों में कहा था कि प्रतिबंध के बावजूद जो देश ईरान के साथ सौदा करेगा तो अमेरिका की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली उनके लिए बंद कर दी जाएगी।

    अलबत्ता यह प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र की ओर से नहीं लगाए गए है इसलिए भारत इसे मानने को बाध्य नहीं है। भारत ईरानी तेल के बड़े खरीददारों में से एक है जिसने तेल खरीदना काम कर दिया है।

    मध्य और दक्षिण एशिया के अमेरिकी उपसचिव ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ वार्ता कर रहा है ताकि अमेरिकी दोस्त भारत की अर्थव्यवस्था की हालत दुरुस्त रहे। उन्होंने कहा अन्य निजी क्षेत्रों के कच्चे तेल विक्रताओं से भी बातचीत हो रही है और साथ ही भारतीय विशेषज्ञों से भी ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए संपर्क बनाए हुए है।

    उन्होंने कहा अमेरिका भारत की अफगानिस्तान में चाहबार बंदरगाह की योजना को सफल बनाने और व्यापार संबंधों को दोबारा बहाल करने के लिए सराहना करता है।

    उन्होंने कहा चाहबार बंदरगाह भारत, अफगानिस्तान, ईरान सहित मध्य एशियाई देशों में व्यापार के लिए एक सुनहरा अवसर है। लेकिन भारत के इस अवसर पर पाकिस्तान अड़ंगा लगा रहा है।

    मई 2016 में ईरान, भारत और अफगानिस्तान ने चाबहार बंदरगाह के जरिये व्यापार को बढ़ावा देने के लिए संधि की थी। उत्तरी और मध्य एशियाई बाज़ारों तक सरलता से पहुचने के लिए चाबहार को एक ट्रांजिट हब की तौर पर विकसित किया जा रहा है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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