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    मिलिट्री डील

    रायटर्स के मुताबिक, चीन की सेना ने इस हफ्ते ताइवान के नजदीक जाल पर अभ्यास का आयोजन किया था। चीन की समुंद्री सुरक्षा एजेंसी ने बताया है। हाल ही में बीजिंग ने दोहराया था कि अगर ताइवान के लिए आज़ादी की तरफ कोई भी कदम उठाया तो वह लड़ने के लिए तैयार है।

    चीन का आक्रमक रवैया

    एजेंसी ने यह नहीं बताया कि कब इस अभ्यास का आयोजन किया गया था या इसमें किस तरीके की सेना शामिल थी लेकिन यह ग्वांगडोंग और फुजियन प्रान्तों के बंदरगाह के नजदीक किया गया था। इसकी शुरुआत सोमवार को 6 बजे और शुक्रवार को 6 बजे तक हुई थी।

    चीन ताइवान पर अपने अधिकार का दावा करता है और बीजिंग के नियंत्रण में लाने के लिए बल का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाएगा। हालिया वर्षों में ताइवान के करीब चीन ने सैन्य ड्रिल में वृद्धि की थी। ताइवान के इर्द गिर्द जल में युद्धपोत को भेजा है।

    रक्षा मंत्रालय ने कहा कि “जलमार्ग में ताइवान हालात को करीबी से देख रहा है ताकि क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। राष्ट्रीय सेना ने महत्वपूर्ण रक्षा क्षमता की पुनर्तैनाती को जारी रखा है और यह निसंदेह राष्ट्रीय सुरक्षा के बचाव के लिए विश्वासी और सक्षम है।”

    द्वीप ने मई में वार्षिक सैन्य अभ्यास किया था और यह चीन के उभरते खतरे से खुद को बचाव में किया गया था। अमेरिका के राज्य विभाग ने ताइवान को हथियारों बेचने की मंज़ूरी दे दी है। इसमें टैंक आर स्ट्रिंगर मिसाइल भी शामिल है जिसकी अनुमानित कीमत 2.2 अरब डॉलर है।” चीन ने इसके जवाब में कहा कि “इस समझौते से जुड़े सभी अमेरिकी कंपनियों पर चीन प्रतिबन्ध लागू करेगा।”

    उन्होंने कहा कि “अगर यहाँ लोग है जो देश से ताइवान को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं तो चीन की सेना अपने राष्ट्रीय हितो, एकता, क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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