Thu. Mar 28th, 2024
    ताइवान में सैन्य अभ्यास

    ताइवान ने विशाल सालाना अभ्यास में चीनी आक्रमण के खिलाफ रक्षात्मक कार्रवाई को प्रदर्शित किया कि कैसे उनके लड़ाकू विमान द्वीप के राजमार्ग पर लैंड करेंगे और उनके ईंधन और हथियार लोड किये जायेंगे। स्वायत्त द्वीप चीन के आक्रमण के खतरे में जी रहा है। चीन के मुताबिक ताइवान उनका भूभाग है और उन्होंने इसे वापस लेना का संकल्प लिया है चाहे बल का इस्तेमाल ही क्यों न करना पड़े।

    साल 2016 के चुनावो के बाद राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने सत्ता संभाली थी और चीन के इसके बाद दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया था। राष्ट्रपति की सरकार द्वीप को अखंड चीन का भाग मानने से इंकार करती है। इस सप्ताह ताइवान के 2.3 करोड़ लोग इस सैन्य क्षमता के गवाह बने थे।

    सोमवार को वार्षिक मिसाइल ड्रिल के दौरान सड़के वीरान थी। सभी के मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट सदेश भेजा गया था और हवाई हमले का सायरन भी बजाय गया था। इसी दिन 1600 सैनिक मध्य ताइवान पहुंचे थे जिसमे संकरे राजमार्ग पर विमान की लैंडिंग का अभ्यास किया  गया था। इसके आलावा तीन अन्य विमानों ने ईंधन भरने और मिसाइल लोड करने का अभ्यास भी किया गया था।

    ताइवान सैनिको और फायर पावर के तौर पर चीन से काफी पीछे हैं, वह ऐसी परिष्कृत असममित रणनीति को विकसित कर रहे हैं जो अधिक से अधिक समय से रोकने में सक्षम होगी और द्वीप पर कोई भी आक्रमण बीजिंग के लिए हानिकारक होगा।

    एयर फाॅर्स कर्नल शु कुओ माओ ने कहा कि “यहां बेहद कम सैन्य एयरबेस है जिन्हे हमले प्राथमिक निशाना बनाया गया था। हाईवे ड्रिल जरुरी थी क्योंकि अगर युद्ध के दौरन रनवे ध्वस्त हो गया था राजमार्ग हमारा पहला चयन होगा। उन्होंने क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता में खतरे के स्तर को बढ़ाया है।”

    हाल ही में अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया ने गुआम के नजदीक पैसिफिक वैनगार्ड में एक अभियान को अंजाम दिया था। इसमें चारो देशों से 3000 से अधिक नौचालक एकजुट हुए थे। वांशिगटन और तायपेई के बीच सम्बन्धो में गर्मजोशिस से बीजिंग काफी भड़का हुआ है।

    सोमवार को अमेरिका के अधिकारीयों ने समकक्षी ताइवान के अधिकारीयों से दुर्लभ मुलाकात की थी। इसकी साझा तस्वीरो पर चीन ने बेहद रुखा व्यवहार दिखाया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *