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    डोकलाम चीन भारत

    चीन ने सिक्किम के पास डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम तेजी से शुरू कर रखा है ताकि पूरे साल चीनी सैनिकों को सैन्य सहायता सुनिश्चित की जा सके। भारत व चीन के बीच डोकलाम विवाद खत्म होने के बाद भारत भूटान व चीन सीमाओं के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ‘चिकन नेक’ के निकट चीन द्वारा सड़क निर्माण गतिविधियां तेज कर दी है।

    जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि डोकलाम विवाद 28 अगस्त को राजनियक व राजनीतिक वार्ता के बाद सुलझा लिया गया था। उस दौरान चीन ने डोकलाम क्षेत्र में सड़को का निर्माण करना बंद कर दिया था। लेकिन डोकलाम विवाद खत्म होने के दो महीने के अंदर चीन द्वारा कम से कम तीन सड़को का निर्माण किया जा चुका है।

    डोकलाम विवाद के बाद करीब 1800 से अधिक चीनी सैनिकों को विवादित क्षेत्र में स्थायी रूप से तैनात करने की तैयारी की गई है। चीनी सैनिकों के रहने के लिए डोकलाम क्षेत्र में चीन द्वारा रहने के लिए स्थायी निवासों का भी निर्माण किया जा रहा है।

    सर्दियों के महीने में पहली बार चीन ने स्थायी रूप से सैनिकों की तैनाती की है। डोकलाम क्षेत्र में भारत ने भी अपने सैनिकों को तैनात किया है और काफी सावधानी बरत रहा है।

    डोकलाम विवाद के बाद सड़क निर्माण मे तेजी

    हालांकि नवीनतम रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन ने डोकलाम विवाद के बाद पिछले दो महीनों में कम से कम तीन सड़को का निर्माण किया है। ये सड़क मार्ग विवादित क्षेत्र से आठ किलोमीटर पूर्व की दूरी पर स्थित है और उत्तर की तरफ से दो किलोमीटर पर स्थित है।

    अधिकारियों के मुताबिक चीन द्वारा सड़क व बुनियादी ढ़ांचा निर्माण पहले 6 महीने में धीमी गति से चल रहा था। लेकिन डोकलाम विवाद के बाद चीन द्वारा सड़क निर्माण कार्य में तेजी आई है।

    चीन ने चुम्बी घाटी में चिकन नेक चारों ओर चक्कर लगाने वाले महत्वपूर्ण सड़क संपर्कों का निर्माण किया है। ये सड़क निर्माण सिलीगुड़ी गलियारे से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।

    चीन डोकलाम में अपनी स्थिति मजबूत करने में सड़क नेटवर्क का विस्तार करने के अलावा हर मौसम के हिसाब से रहने के लिए स्थायी जगह व हैलीपेड का निर्माण कर रहा है। इस स्थिति पर भारत अभी भी मजबूत है क्योंकि भारतीय सेना ऊंचाई पर स्थित है जो कि चीनी निर्माण गतिविधियों पर 24 घंटे नजर बनाए सकती है।