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    रेल भर्ती 6 महीनें

    अगर आप भी ट्रेनों से ही सफर करते हैं तो यह बात बताने की जरूर नहीं कि यात्रीगण रेलवे स्टेशन पर घंटों अपनी ट्रेन के इंतजार में किस कदर खड़े रहते हैं।  कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि यात्री अपनी ट्रेन के इंतजार में थक जाते हैं कि परेशान होकर अपना टिकट तक कैंसिल करा लेते हैं। और ऐसा तब होता है जब रेलवे प्रबंधन की ओर घोषणा की जाती है कि आपकी ट्रेन 24 घंटे लेट है।

    जी हां, कहते हैं इंडियन रेल कभी भी अपने समय से नहीं आती है। लेकिन इस कहावत को झूठा साबित करने के लिए मोदी सरकार ने कमर कस ली है। केंद्र सरकार ने इंडियन रेलवे को एक नया आयाम ​देने के लिए रेलवे प्रबंधन में एक अहम बदलाव लाने की तैयारी कर चुका है।
    इस बदलाव का सीधा असर रेलवे प्रबंधन और रेलवे के उन कर्मचारियों पर देखने को मिलेगा जो अक्सर लेट लतीफी करते रहते हैं।

    बताया जा रहा है कि रेलवे की ओर से किए जाने वाले इस बदलाव के बाद अब कोई भी रेल कर्मचारी लेट लतीफी नहीं करेगा वरना उसकी इस कमी का खामियाजा उसकी सैलरी में देखने को मिलेगा।  जाहिर है इस सख्त बदलाव के बाद ना केवल रेल प्रबंधन में सुधान देखने को मिलेगा बल्कि यात्रियों को भी यात्रा के दौरान होने वाली लेट लतीफी से निजात मिलेगा।

    आप को जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रेलवे विभाग समस्त कर्मचारियों के लिए कार्यालय में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम की व्यवस्था करने जा रहा है। ऐसी व्यवस्था पहले केवल देश के कुछ प्रमुख रेलवे कार्यालयों में ही उपलब्ध कराई जाएगी बाद में धीरे—धीरे इसे सभी रेलवे आफिसेज में लागू कर दिया जाएगा।

    पीटीआई का कहना है कि 31 जनवरी से कुछ प्रमुख रेलवे कार्यालयों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सुविधा लागू हो जाएगी। बायोमैट्रिक अटेंडेंस के जरिए अंगूठा अथवा थंब इंप्रेसन के साथ कर्मचारियों को कार्ड भी उपलब्ध कराया जाएगा जिसे इस मशीन के सामने शो करना होगा।
    गौरतलब है ​कि अब कार्यालय अटेंडेंस के आधार पर ही रेलवे कर्मचारियों की सैलरी उनके अकाउंट में भेजी जाएगी।

    बायोमैट्रिक अटेंडेंस की यह सुविधा वर्तमान में रेलवे बोर्ड, जोनल हेडक्वार्टर तथा देश के कुछ चुनिंदा रेलवे संस्थानों में जारी है।  अब यह आधुनिक बायोमैट्रिक सिस्टम भारतीय रेलवे विभाग के सभी छोटे-बड़े कार्यालयों में लगाया जाएगा। इस सिस्टम के लागू होते ही रेलवे कर्मचारियों की गैरहाजिरी में कमी देखने को मिलेगी जिससे रेलवे का काम सुचारू रूप से चलने लगेगा।