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टेलिकॉम सेक्टर

भारत में टेलिकॉम सेक्टर इस समय उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है। जहाँ एक ओर डेटा कीमतों में कमी आने से लोगों को काफी फायदा हुआ है, वहीँ घाटे में जाने की वजह से कई कंपनियां बंद हो गयी हैं या फिर विलय हो गयी हैं, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में कर्मचारियों नें नौकरियां खो दी हैं।

रैंडस्टैड नामक एक संस्था के मुताबिक सिर्फ साल 2018 में टेलिकॉम सेक्टर में से करीबन 50,000 से 75,000 नौकरियां जा सकती हैं।

टीमलीज जैसी संस्था का मानना है कि यह आंकड़ा 90,000 तक भी पहुँच सकता है।

एक्सफेनो नामक कंपनी के सह-संस्थापक कमल कारंथ का कहना है कि कि साल 2016 से करीबन 50,000-70,000 नौकरियां इस क्षेत्र में जा चुकी हैं। उनका मानना है कि प्रबंधन टीम सैलरी बचाने के लिए भी कई लोगों को नौकरी से निकाल देती है।

कारंथ नें बताया, “यदि आप इस आंकड़े में ऐसी नौकरियां भी जोड़ लें, जो अप्रत्यक्ष रूप से टेलिकॉम सेक्टर पर निर्भर थी, तो यह आंकड़ा 1.25-1.5 लाख तक पहुँच सकता है।

जिस क्षेत्र में सबसे ज्यादा नौकरियां कम हो रही है, वे हैं सेल्स, ग्राहक सेवा, ह्यूमन रिसोर्स और फाइनेंस।

एक अन्य व्यक्ति का मानना है कि हालाँकि 2019 में कम लोगों की नौकरियां जाने की संभावनाएं हैं, लेकिन फिर भी यह संख्या काफी बड़ी होने वाली है।

रैंडस्टैड के सीईओ पॉल का मानना है कि अगले 12 महीनों में पुरे टेलिकॉम सेक्टर की 5-10 फीसदी वर्कफोर्स कम हो सकती है।

ऐसे में यहाँ एक बड़ी समस्या यह है कि जो लोग सामान्य वर्गों में काम कर रहे हिं, जैसे सेल्स, ह्यूमन रिसोर्स आदि, उन्हें नौकरी मिलने में ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। लेकिन, जो लोग विशेष रूप से टेलिकॉम में काम कर रहे थे, जैसे टावर ऑपरेशन आदि, उन लोगों के लिए किसी और क्षेत्र में काम ढूँढना काफी मुश्किल होगा।

कारंथ नें इस बारे में बताया कि कई नौकरियां मशीनों के हाथ में भी चली जायेंगी। उदाहरण के तौर पर किसी भी प्रकार का शारीरिक कार्य मशीन बेहतर कर सकती है। इसके अलावा ग्राहक सेवा के लिए भी मशीनें इंसानों से ज्यादा लाभदायक साबित हो रही हैं।

रिलायंस जिओ दे रहा है खुशखबरी

इस सबके बाद भी एक राहत की बात यह है कि रिलायंस जिओ अभी भी नए लोगों को नौकरी के लिए बुला रहा है।

रिलायंस जिओ के ह्यूमन रिसोर्स के संजय जोग नें इस साल अप्रैल में कहा था कि कंपनी 2018-19 के दौरान करीबन 75,000-80,000 लोगों को नौकरी पर रख सकती है। कंपनी के पास पहले से ही 1,57,000 लोग कार्यरत हैं।

टीमलीज की सह-संस्थापक रितुपर्ना चक्रबोर्ति का हालाँकि मानना है कि टेलिकॉम सेक्टर में अगले दो साल में करीबन 20 लाख नयी नौकरियां बनेंगी।

उन्होनें बताया, “फोन के पुर्जे बनाने में, डेटा मैनेजमेंट, सेवाएं और प्रबंधन जैसी वर्गों में नौकरियां बनेंगी। जिन कंपनियों में सबसे ज्यादा नौकरियां बनेंगी, वे हैं – एयरटेल, नोकिया, एरिक्सन, फॉक्सकॉन, थॉमस रयूटर, डैल, एचपी आदि।

एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जो लोग इस क्षेत्र में सबसे नीचले दर्जे के कार्य करते थे, उसमें से करीबन 81 फीसदी लोगों की नौकरियां चली गयी हैं। इसके उलट बड़े पदों पर से सिर्फ 20 फीसदी लोगों की नौकरियां गयी हैं।

नौकरियों के हिसाब से सबसे बुरी खबर अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम की ओर से आ रही है। एक समय जहाँ आरकॉम में 52,000 लोग कार्यरत थे, उसमें से करीबन 94 फीसदी लोगों नें अपनी नौकरियां गँवा दी हैं।

जाहिर है आरकॉम नें हाल ही में टेलिकॉम सेक्टर से जाने की बात कह दी थी।

इसके अलावा भारती एयरटेल, आईडिया और वोडाफोन जैसी कंपनियों नें भी भारी मात्रा में छंटनी की है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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