Fri. Apr 19th, 2024

    टूलकिट मामले में पहली आरोपी दिशा रवि और स्वीडन की मशहूर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की सीक्रेट चैट सामने आ गई है। दिशा रवि पर आरोप था कि उसने ही किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट एडिट करके ग्रेटा थनबर्ग समेत और भी लोगों को भेजी थी और इस आंदोलन को और उग्र करने की कोशिश की थी। साथ ही दिशा रवि पर देशद्रोह की साजिश रचने का मामला भी है। उसे बेंगलुरु से कल गिरफ्तार किया गया।

    दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर तमाम विपक्षी पार्टियां उसके बचाव में उतर रही थी। केजरीवाल से लेकर प्रियंका गांधी तक भी दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध करते नजर आ रहे थे। लेकिन अब पुलिस की छानबीन शुरू हुई है और उसमें एक के बाद एक बड़े खुलासे होते जा रहे हैं।

    दिशा रवि और ग्रेटा थनबर्ग की एक सीक्रेट चैट सामने आई है जिसमें यह साफ देखा जा सकता है कि वह टूलकिट देश को किस स्तर का नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गई थी। यह चैट जो मीडिया के सामने आई है ये उस वक्त की है जब ग्रेटा ने टूलकिट को ट्विटर पर अपलोड कर दिया था और उसके तुरंत बाद दिशा रवि ने ग्रेटा से बात करके वह डिलीट करवाया था।

    चैट में सामने आया है कि दिशा रवि ग्रेटा से उस टूलकिट के बारे में बात करते हुए अपना डर सामने रख रही है, और दोनों रात के 9:30 बजे बातचीत कर रहे थे। उस बातचीत में ग्रेटा थनबर्ग ने कहा था कि यह मामला काफी बिगड़ सकता है और उसे इसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस पर दिशा रवि ने कहा कि वह कुछ समय तक इस पर कोई एक्शन ना ले और वह वकीलों से इस बारे में बात करने जा रही है। दिशा ने भी यह आशंका जताई कि उनको इससे यूएपीए का सामना भी करना पड़ सकता है।

    इसके बाद उसने पूरे खतरे की आशंका ग्रेटा के सामने रखी और कहा कि वह कोशिश करेगी कि ग्रेटा का नाम इस आंदोलन में ज्यादा न उछले। साथ ही दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग से कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूर रहने की बात भी कही। दिशा रवि ने व्हाट्सएप पर 10 लोगों का ग्रुप बनाया था जिसका नाम इंटरनेशनल फार्मर स्ट्राइक रखा गया था। लेकिन जल्द ही उसने पकड़े जाने के डर से ग्रुप डिलीट किया और साथ ही उस ग्रुप में शामिल लोगों के नाम और फोन से नंबर अपने मोबाइल से भी डिलीट कर दिए।

    दिल्ली पुलिस ने मामले की छानबीन को और गहराई से करना शुरू कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने इस के संदर्भ में जूम व व्हाट्सएप को चिट्ठी लिखकर 11 जनवरी को हुई मीटिंग में शामिल लोगों की डिटेल मांगी है। इसके बाद यह सामने आ जाएगा कि किसान आंदोलन मैं कौन फंडिंग कर रहा था और इसके पीछे असली एजेंडा क्या है। दिशा रवि के गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन से संबंधित बहुत सी परतें खुल सकती हैं। साथ ही यह भी सामने आ सकता है कि कौन देश के भीतर बैठकर देशद्रोह की साजिश रच रहा है।

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