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    ज्यादा नींद आना

    हमारे शरीर को काम के बाद आराम की आवश्यकता होती है। ये बहुत ज़रूरी होता है कि हम ठीक प्रकार से नींद लें और सोएँ।

    कहा जाता है कि 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लें तो क्या होगा?

    ये बिलकुल सोचने वाली बात है क्योंकि 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद हमारे स्वास्थ्य को बुरी तरह नुक़सान पहुँचाती है।

    विषय-सूचि


    आइए देखते हैं कि ज़्यादा सोने के क्या नुक़सान होते हैं?

    ज्यादा नींद से नुकसान

    • दर्द को बढ़ाता है ज़्यादा सोना

    जी हाँ! यदि आप हद से ज़्यादा सोते हैं तो ये आपके दर्द को बढ़ा सकता है।

    ज़्यादा सोने से आपको सर दर्द, चक्कर आने की समस्या, पीठ में दर्द और पैरों में दर्द की समस्या भी हो सकती है।

    कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि ज़्यादा सोना और कठोर बिस्तर दोनों ही चीज़ें हमारे स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं। इससे हमें ना सिर्फ़ दर्द का सामना करना पड़ता है बल्कि कभी कभी हमें तनाव और फ़्रस्ट्रेशन भी होने लगता है।

    • ज्यादा नींद लेने से हृदय रोगों का जन्म होता है

    बहुत कम सोना और बहुत ज़्यादा सोना दोनों ही चीज़ें हृदय रोगों को जन्म देती हैं।

    लार्ज नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रीशन एग्जामिनेशन सर्वे की रिपोर्ट के द्वारा इस बात का दावा किया गया है कि कम और ज़्यादा दोनों ही प्रकार का स्लीपिंग शेड्यूल हृदय रोगों को जन्म देता है।

    बहुत कम और बहुत ज़्यादा सोने से कोरोनरी हार्ट डिजीज का ख़तरा बढ़ जाता है।

    इसी तरह नर्स हेल्थ स्टडी के द्वारा एक परिणाम निकाला गया जिसमें कि यह पाया गया कि स्लीपिंग शेड्यूल हृदय रोगों से सीधा सीधा जुड़ा हुआ है।

    • मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है ज़्यादा सोना

    यदि हम 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं तो यह हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है। अक्सर देखा जाता है कि जब हम ज़्यादा मात्रा में नींद लेते हैं तो हमें तनाव या फ़्रस्ट्रेशन हो जाता है।

    हमें ऐसा महसूस होता है कि जैसे हमारा मस्तिष्क भारी हो रहा हो और हमें कुछ समझ में नहीं आता है।

    हमें किसी भी बिंदु पर अपना कंसंट्रेशन करने के लिए काफ़ी ज़्यादा एफर्ट करना पड़ता है। हम आसानी से किसी भी चीज़ की तरफ़ ध्यान नहीं दे पाते हैं।

    ज़्यादा सोने से हमारी काग्निटिव क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। किसी भी चीज़ को याद रखना या किसी भी चीज़ को याद करना, ये दोनों ही हमें काफ़ी मुश्किल काम लगते हैं।

    आप यक़ीन नहीं करेंगे लेकिन ये सच है कि 7-8 घंटे से ज़्यादा सोने पर कभी कभी हमें शॉर्टटर्म मेमोरी लॉस की समस्या से भी गुज़रना पड़ता है।

    लुमोसिटी ब्रेन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म में हुए शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि सात घंटे की नींद लेने पर काग्निटिव परफॉर्मेंस तीन गुना अच्छी होती है।

    इसी के साथ इस बात का भी ख़ुलासा किया गया कि 7 या 8 घंटे से अधिक की नींद लेने पर काग्निटिव परफॉर्मेंस प्रभावित होता है।

    कुछ अन्य शोधों में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि बहुत कम या बहुत ज़्यादा सोने से अल्ज़ाइमर की समस्या हो जाती है।

    यदि अत्यधिक मात्रा में नींद ली जाए तो यह न सिर्फ़ तनाव को जन्म देता है बल्कि बेचैनी की समस्या को भी पैदा करता है।

    जो लोग 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उन में लगातार डिप्रेशन की समस्या बनी रहती है।

    ओल्डर अडल्ट्स के अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई कि जो लोग 10 घंटे से अधिक की नींद लेते हैं उनकी मेंटल हेल्थ 7-8 घंटे नींद लेने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा नकारात्मक होती है।

    कुछ शोध यह भी दावा करते हैं कि अत्यधिक नींद हमारी ओवर ऑल हेल्थ को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।

    • ज्यादा नींद लेने से वजन बढ़ता है

    शोधों में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि अत्यधिक सोना वज़न बढ़ाने की समस्या को जन्म देता है।

    कनाडा में हुए एक अध्ययन में इस बात का दावा किया गया कि ज़्यादा सोना या फिर कम सोना दोनों ही चीज़ें शरीर का वज़न बढ़ाती हैं।

    जो लोग 7-8 घंटे से कम या 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनका वज़न लगभग एक किलोग्राम तक बढ़ता है।

    अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग नौ घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं वे नॉर्मल लोगों की अपेक्षा 21% तक वेट गेन कर सकते हैं।

    • ज्यादा नींद आने से सूजन बढ़ सकता है

    7-8 घंटे की नींद लेना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए उचित है। यदि हम इस मात्रा से अधिक की नींद लेते हैं तो हमारे शरीर में कई बीमारियों के साथ साथ इन्फ्लामेशन की समस्या भी हो जाती है।

    एक शोध में यह पाया गया कि सीआरपी (सूजन मापन) का स्तर नींद के स्तर के साथ ही बढ़ता और घटता है। वे लोग जो 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनमें 8% तक सीआरपी का स्तर बढ़ता है।

    • हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का ख़तरा

    जब हम पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं तो हमारे शरीर में हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक के चांसेस बढ़ जाते हैं।

    हमारे शरीर के लिए 7-8 घंटे की नींद बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी है।

    यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज में हुए एक शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया कि जो लोग 8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनमें हार्ट स्ट्रोक के चांसेस नॉर्मल लोगों की अपेक्षा 46% तक ज़्यादा होते हैं।

    इसी तरह एक और शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया कि जो लोग आठ घंटे से ज़्यादा सोते हैं फिर चाहे वह रात हो या दिन उनमें हार्ट स्ट्रोक के चांसेस 90% तक होते हैं।

    • मृत्यु के आंकड़े बढ़ाता है ज़्यादा सोना

    सेकेंड नर्स हेल्थ स्टडी के शोधकर्ताओं द्वारा इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि ज़्यादा सोने से मृत्यु के आंकड़े भी बढ़ते हैं। इसका मतलब है कि वे लोग जो 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं वे नार्मल लोगों की अपेक्षा थोड़ा कम जी पाते हैं।

    शोधकर्ताओं द्वारा लाइफ़स्टाइल, रिलेशनशिप, डिप्रेशन और इकॉनोमिक फैक्टर को मृत्यु से रिलेट किया गया।

    इसके अलावा भी शोधकर्ताओं ने एक और चीज़ का अध्ययन किया कि किस चीज़ के बढ़ने से मृत्यु का आंकड़ा बढ़ता है और इसके लिए उन्होंने ऊपर दिए हुए फैक्टर्स के अलावा ज़्यादा सोने वाले फैक्टर्स को भी अपने सर्वे में शामिल किया।

    शोधकर्ताओं के द्वारा यह पाया गया कि जो लोग 7-8 घंटे से ज़्यादा की नींद लेते हैं उनका स्टेटिस्टिकल ग्राफ़ मृत्यु की ओर नॉर्मल लोगों की अपेक्षा ज़्यादा है। इसका मतलब है कि अत्यधिक नींद लेने वाले व्यक्ति नार्मल लोगों की अपेक्षा ज़िंदगी का लुत्फ़ कम ले पाते हैं।

    इस तरह इन आंकड़ों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि हमें ना तो बहुत कम सोना चाहिए और न ही बहुत ज़्यादा।

    यक़ीनन हर एक चीज़ की एक लिमिट होती है जिस को पार करने पर हमें कुछ परेशानियाँ भी उठानी पड़ती है। ठीक यही चीज़ नींद के मामले में भी लागू होती है।

    इस लेख के द्वारा हमने आपको अधिक नींद लेने के नुकसानों के बारे में बताया।

    यदि आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल या सुझाव है तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    7 thoughts on “ज्यादा नींद आना : कारण और उपाय”
      1. ज्यादा नींद आने पर हमें नींद पर नियंत्रण करना चाहिए और सोने के लिए एक निश्चित समय बना चाहिए।

    1. Mai raat me 5 ghante soti hu aur pure din lgta h jaise kitna thak gyi hu aur bhut nind aati h aur jab v din me soti hu to bar bar nind khul jati h aur uske bad sar me pure din bhut dard hota h aisa kyu hota h

    2. I am feeling much excessive sleping, tired ness, weaknesses, every time aged 60 years on account of nothing to do something work.

    3. Mujhe bhut jada need jb me badhta v hi to lgta h ki mene drink ki h aur 5 mint baat hi so jata hu me apne need se paresan hu… plz given me better suggestion…

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