Wed. Apr 24th, 2024
    जेट एयरवेज

    शुक्रवार को जेट एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने बयान दिया की बड़े घाटे में होने के कारण वाहक अपनी घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स में से कुछ फ्लाइट्स को बंद करेगा ताकि हो रहे घाटे को कम किया जा सके। इसके साथ ही शेयरधारकों की एक बैठक में उन्होंने बताया की दिसम्बर 2018 तक उनके वाहक पर कुल 7299 करोड़ का कर्ज था।

    सेवाओं में किये जाएंगे ये बदलाव :

    अपनी सेवाओं में बदलाव करने के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बयान दिया की जनवरी से मार्च तक की अवधि में उनके संचालन में मंदी रहेगी क्योंकि इसका मुंबई का रनवे बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही कुछ चुनिन्दा रूटों पर प्रदान की जा रही सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा ताकि लागत को कम करके घाटे से उबरा जा सके।

    इसके साथ साथ जिन सेवाओं के कारण एयरलाइन को सबसे ज्यादा घाटा हो रहा है वे सेवाएं बंद की जायेंगी। हालांकि आज एयरलाइन का व्यवसाय जेट एयरवेज जैसे वाहकों के लिए मुश्किल हो रहा है लेकिन फिर भी वे जल्द ही अपने हालातों में सुधार करेंगे और बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।

    एसबीआई से मिलेगा निवेश :

    हाल ही में खबर आई थी की एसबीआई अन्य बैंकों के साथ मिलकर कर्ज में डूबी जेट एयरवेज में कुल 8500 करोड़ रुपयों का निवेश करेगा ताकि इस घाटे को ख़त्म किया जा सके। इससे एसबीआई और एतिहाद एयरवेज दुसरे बैंकों के साथ मिलकर जेट एयरवेज के सबसे बड़े शेयरधारक बन जायेंगे। जैसे ही नरेश गोयल की 20 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी होगी, वे जेट एयरवेज का नियंत्रण खो देंगे।

    जेट एयरवेज का खराब चल रहा प्रदर्शन :

    जेट एयरवेज आज से 20 साल पहले भारत में शुरू हुआ था जब राज्य एकाधिकार ख़त्म किया था। तब से यह सस्ती फ्लाइट्स उपलब्ध करा रहा था लेकिन पिछले कुछ समय से इसे बहुत घाटा हो रहा है जिससे ना तो ये लिए गए कर्ज वापस दे पा रहा है और ना ही कर्मचारियों को वेतन अदा कर पा रहा है। इसके चलते इसने लोन की मांग की थी।

    यदि एयरलाइन द्वारा वहां किये गए घाटे की बात करे तो इसने पिछली तिमाही में कुल 732 करोड़ रुपयों का घाटा दर्ज किया। लगातार घाटे होने से वाहक के हालात भी लगातार खराब हो रहे हैं ऐसे में एसबीआई से मिला लोन इसके लिए एक जीवनदान की तरह है।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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