Fri. Apr 19th, 2024
    छोटे व्यापारियों का बढ़ेगा कारोबार

    केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में 10 नवंबर को गुवाहाटी में आयोजित की गई मीटिंग में जीएसटी काउंसिल ने 28 फीसदी स्लैब से कुल 177 वस्तुओं को घटाकर 18 फीसदी के स्लैब में कर दिया। 18 फीसदी स्लैब में आने वाली राजमर्रा की सभी वस्तुएं पहले से अब ज्यादा सस्ती हो चुकी है। ( सम्बंधित : जीएसटी काउंसिल मीटिंग के बाद सस्ती की गई वस्तुओं की सूची )

    छोटे व्यापारियों को ऐसे मिलेगा फायदा

    • शादी के इन महीनों में चमड़े के सामान, बिजली उपकरणों और सिरैमिक टाइल के दामों में गिरावट से कारोबार में लाभ की उम्मीद।
    • लकड़ी के सामान सस्ता किए जाने से उपभोक्ताओं की स्वीकार्यता बढ़ेगी।
    • सूटकेस, ट्रंक और वैनिटी बैगों की बिक्री में 4 से 7 फीसदी की गिरावट, अब कंपनियों को तय करनी होगी एक निश्चित कीमत।
    • सैनिटरी वेयर और टाइल्स आदि के छोटे कारोबारी अपना कारोबार एक ​बार फिर से खड़ा कर सकते हैं।
    • जीएसटी दर में कटौती से छोटी और मझोली कंपनियों के बीच अनुपालन बढ़ेगा
    • लोहार चॉल जैसे इलाकों में एक बार फिर से रौनक बढ़ेगी क्योंकि पिछले चार महीनों में कई थोक और खुदरा कारोबारियों ने महंगाई के चलते मजदूरों की छुटटी कर दी थी।

    छोटे कारो​बारियों का कहना है

    जीएसटी कर में बदलाव से उपभोक्ताओं में प्लास्टिक से बनी वस्तुओं की डिमांड बढ़ेगी, चूंकि लकड़ी सस्ता और टिकाउ विकल्प है अत: इस कारोबार में निश्चित लाभ देखने को मिलेगा। यहां तक शादियों के आयोजन शुरू हो चुके हैं, ठीक इसी समय चमड़े के सामानों, बिजली के उपकरणों तथा सिरैमिक टाइल की कीमतों में आई कमी के चलते छोटे कारोबारियों के व्यापार अब अपने पुरानी पटरी पर लौट सकते हैं।
     -श्याम बंसल, कीर्ति नगर, पश्चिमी दिल्ली

    जीएसटी काउंसिल के फैसले से छोटे कारोबारी काफी खुश हैं। जुलाई महीने के बाद से पहली बार ट्रंक, वैनिटी बैगों तथा सूटकेस आदि की कीमतों में 4-7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में अब सभी निर्माता कपंनियों को इन वस्तुओं की कीमतें तय करनी ही होंगी। दीवाली के समय ना सही, शादी के मौसम में इन वस्तुओं के जीएसटी दर में कमी उक्त कहावत को चरितार्थ कर रहा है कि जब जागे तभी सवेरा।
    – कमलेश गुप्ता, लाजपत नगर,नई दिल्ली।

    पिछले चार महीनों में कई सिरेमिक कारोबारियों को अपना कारोबार समेटना पड़ा है। चीन के बाद भारत टाइल निर्माण के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा केंद्र है। टाइल के क्षेत्र में गुजरात के मोरबी का सालाना टर्नओवर तीस हजार करोड़ रूपए का है।
    गुजरात में करीब बाइस सौ करोबारी और 700 टाइल तथा सैनिटरीवेयर निर्माण इकाइयां हैं। ये सभी इकाइंया मोरबी में मौजूद हैं। जीएसटी में कटौती से इस कारोबार का बढ़ना लाजिमी है।
    -केके पटेल, अध्यक्ष सिरैमिक ट्रेडिंग एसोसिएशन, मोरबी, गुजरात।

    टाइल्स निर्माण करने वाली आधी से अधिक इकाइंयों में हालिया संशोधन कर उत्पादन को एक नया मुकाम दिया जा सकता है।
    – केजी कुंदरिया, अध्यक्ष मोरबी सिरैमिक्स एसोसिएशन, मोरबी, गुजरात।

    सैनिटरी क्षेत्र में जीएसटी दर कटौती से छोटी तथा मध्यम क्रम की कंपनियों के बीच अनुपालन बढ़ेगा, आने वाले दिनों में सरकार की आय बढ़ेगी। -एस सी कोठारी,मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सेरा सैनिटरीवेयर।

    बिजली के उपकरणों में उंची दर होने के कारण पूरा कारोबार प्रभावित हो रहा था लेकिन अब जीएसटी दर कम किए जाने से कुछ आस जगी है।
    -पुनीत ढिंगरा,कारोबारी, दिल्ली।

    नई जीएसटी दर के बाद अब ब्रांडेड और लोकल मैटरेसज के दाम अब घट चुके हैं, ऐसे में इन वस्तुओं को दोबारा लाकर एक बार फिर से कारोबार को बढ़ाने की कोशिश करूंगा।
    मंजूनाथ,मुंबई।