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    जया प्रदा: अमर सिंह के साथ मेरी नकली तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, मेरे मन में आत्महत्या का ख्याल आया

    अभिनेत्री से नेता बनी जया प्रदा ने शुक्रवार को बताया कि वे अमर सिंह को अपने ‘गॉडफादर’ की तरह मानती हैं और साथ ही ये भी कहा कि अगर उन्होंने अमर सिंह को राखी भी बाँध दी तो भी लोग उन दोनों के बारे में बात करना नहीं छोड़ेंगे।

    उन्होंने सपा नेता आज़म खान पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जया पर तेजाब से हमला करने की कोशिश की थी।

    यूपी रामपुर से पूर्व सांसद ने सपा से निकाले जाने के बाद, सिंह के साथ मिलकर राष्ट्रिय लोक मंच शुरू किया है।

    सिंह के साथ उनके रिश्ते पर गलत बाते होने पर, जया ने कहा-“मेरी ज़िन्दगी में कई लोगों ने मेरी मदद की है और अमर सिंह जी मेरे गॉडफादर हैं।”

    क्वीनसलाइन लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान वे लेखक राम कमल से बातचीत कर रही थी। उनके मुताबिक, “क्योंकि मैं जिस स्थिति में थी, वहां आज़म खान के साथ चुनाव लड़ना, एक महिला के रूप में, तेजाब हमले की धमकियों के साथ, मेरे जीवन के लिए खतरा था। मैं अपनी माँ को यह भी नहीं बता सकती थी कि क्या मैं घर भी वापस आउंगी जब भी मैं बाहर जाती थी।”

    अभिनेत्री ने आगे बताया कि उनके समर्थन में एक भी राजनेता सामने नहीं आया था। उनके मुताबिक, “मुलायम सिंह जी ने मुझे एक बार भी कॉल नहीं किया।” उन्होंने आगे कहा कि जब उनकी नकली तस्वीरे सोशल मीडिया पर आई तो उन्होंने आत्महत्या करने की भी सोच ली थी।

    उनके मुताबिक, “अमर सिंह डायलिसिस पर थे और मेरी नकली तस्वीरे क्षेत्र में प्रसारित किए जा रहे थे। मैं रो रही थी और कह रही थी कि मैं अब जीना नहीं चाहती, मैं आत्महत्या करना चाहती हूँ। मैं उस आघात से गुज़र रही थी और किसी ने मेरा साथ नहीं दिया।”

    उन्होंने इस बात पर जोर दिया-“केवल अमर सिंह जी जो डायलिसिस से बाहर आये थे, मेरे साथ खड़े रहे, मेरा समर्थन किया। आप उनके बारे में क्या सोचेंगे? गॉडफादर या कुछ और? अगर मैं उन्हें राखी भी बांध हूँ, क्या लोग बाते करना छोड़ देंगे? मुझे परवाह नहीं लोग क्या कहते हैं।”

    जया ने कहा कि “एक महिला के लिए राजनीतिज्ञ होना इस पुरुष-प्रधान समाज में एक युद्ध जैसा है। पार्टी से सांसद होने के बाद भी, मुझे बख्शा नहीं गया। आज़म खान ने मुझे परेशान किया। उन्होंने मुझ पर तेजाब हमला करने की कोशिश की। मुझे नहीं पता था कि मैं अगले दिन जिंदा भी रहूँगी या नहीं। घर से निकलते वक़्त मैं अपनी माँ को बोलती थी कि मुझे नहीं पता मैं घर वापस भी आउंगी या नहीं। मैं इससे बाहर निकल आई।”

    उन्होंने आगे कहा-“वे जो भी फिल्म ‘मणिकर्णिका’ में दिखा रहे हैं, मुझे लगता है मैं ऐसी थी। एक महिला भी देवी दुर्गा का अवतार ले सकती है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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