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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में पैदा होने वाले स्थानीय रूप से कुमकुम के नाम से जानी जाने वाली प्रसिद्ध केसर को भौगोलिक संकेत (GI) टैग मिला है। इस केसर की खेती और कटाई जिले के ऊंचे इलाकों में की जाती है। यह दुनिया के सबसे महंगे और स्वादिष्ट केसर में से एक माना जाता है।

GI टैग किश्तवाड़ केसर की प्रतिष्ठा को बनाए रखने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि ‘किश्तवाड़ केसर’ नाम से केवल जिले के प्रामाणिक केसर ही बेचे जा सकते हैं। यह किश्तवाड़ के केसर किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उन्हें अपने उत्पाद के लिए बेहतर कीमत मिल सकेगी।

किश्तवाड़ केसर को 21 नवंबर, 2023 को GI टैग दिया गया था। GI टैग के लिए आवेदन जम्मू-कश्मीर के कृषि विभाग द्वारा किया गया था। GI टैग 10 साल की अवधि के लिए वैध है।

किश्तवाड़ जिले में लगभग 400 हेक्टेयर भूमि में केसर की खेती की जाती है। किश्तवाड़ केसर का वार्षिक उत्पादन लगभग 200 किलोग्राम है। केसर अपनी समृद्ध सुगंध, रंग और स्वाद के लिए जाना जाता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, जिनमें बिरयानी, खीर और केसर शामिल हैं।

किश्तवाड़ केसर को GI टैग मिलना किश्तवाड़ के केसर किसानों के लिए अपनी आजीविका की रक्षा करने और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करेगा।

GI टैग क्या है?

भौगोलिक संकेत (GI) टैग एक ऐसा नाम या चिन्ह है जो किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित किसी उत्पाद की पहचान करता है। यह उत्पाद की गुणवत्ता, प्रतिष्ठा और अन्य विशेषताओं को आम तौर पर उत्पाद की भौगोलिक उत्पत्ति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। उदाहरण के लिए, दार्जिलिंग चाय, कांचीपुरम सिल्क और पुट्टपनाक सिल्क जीआई टैग वाले कुछ उत्पाद हैं।

GI टैग कैसे मिलता है?

GI टैग प्राप्त करने के लिए किसी उत्पाद के निर्माता या उत्पादकों के समूह को कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स, डिजाइन्स एंड ट्रेडमार्क्स (CGPDTM) को आवेदन करना होता है। आवेदन में उत्पाद का विवरण, उत्पाद की उत्पत्ति का स्थान और उत्पाद की विशिष्टताएं शामिल होनी चाहिए। आवेदन शुल्क का भुगतान भी किया जाना चाहिए। आवेदन की जांच के बाद, CGPDTM यह निर्धारित करेगा कि क्या उत्पाद GI टैग के लिए पात्र है। यदि पात्र पाया जाता है, तो CGPDTM उत्पाद को GI टैग प्रदान करेगा।

GI टैग कितने समय के लिए वैध रहता है?

GI टैग 10 साल की अवधि के लिए वैध है। GI टैग की समाप्ति के बाद, उत्पाद के निर्माता या उत्पादकों के समूह को पुनः आवेदन करना होगा।

GI टैग का उल्लंघन करने पर क्या होता है?

GI टैग का उल्लंघन करने पर, GI टैग धारक को उत्पाद के निर्माता या उत्पादकों के समूह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होता है। GI टैग का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या ₹2 लाख तक का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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