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जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने मंगलवार को जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी के रूप में थल सेनाध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) का कार्यभार संभाला। वहीं रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के तौर पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले जनरल नरवाने भारतीय सेना के उपाध्यक्ष के रूप में सेवा दे रहे थे। वह बल के पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे, जिसके जिम्मे भारत की चीन के साथ लगती लगभग 4,000 कि.मी. सीमा की देखभाल करना है।

अपनी 37 वर्षो की सेवा में जनरल नरवाने ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में अत्यधिक सक्रिय आतंकवाद-रोधी वातावरण में काम किया है।

अपने करीब चार दशकों के प्रतिष्ठित सैन्य करियर में नरवाने को पूर्वोत्तर और जम्मू एवं कश्मीर में शांति और क्षेत्र में प्रमुख कमान और कर्मचारियों की नियुक्ति करने का गौरव प्राप्त है। वह श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा बल का हिस्सा भी रहे हैं।

इसके अलावा उन्होंने एक राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान भी संभाली थी। उन्होंने इंस्पेक्टर जनरल असम राइफल्स (नॉर्थ) के रूप में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड को खड़ा किया और एक प्रतिष्ठित स्ट्राइक कोर की कमान भी संभाली।

वह 2017 में गणतंत्र दिवस परेड की कमान भी संभाल चुके हैं। जनरल नरवाने ने अपनी स्कूली शिक्षा पुणे में ध्यान प्रबोधिनी प्रशाला में पूरी की।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र रहे नरवाने को जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट में कमीशन मिला था।

वह रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स, महू के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री, डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एम.फिल की डिग्री हासिल की है।

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