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    चीनी की मील

    भारतीय सरकार जल्द चीनी विक्रेताओं के लिए खुशखबरी ला सकती है। फाइनेंसियल एक्सप्रेस के मुताबिक सरकार 45 अरब रुपए चीनी मीलों पर खर्च करेगी जिससे चीनी का निर्यात बढ़ाया जा सके।

    सरकार हर 100 किलो गन्ने से चीनी बनाने पर 13.88 रुपए की सब्सिडी देने जा रही है। आपको बता दें कि पिछली साल तक यह सब्सिडी 5.5 रुपए ही थी।

    इसके साथ ही सरकार परिवहन और अन्य सम्बंधित खर्च को भी वापस लौटाने की सोच रही है। इसपर सरकार प्रति टन चीनी पर 1000 से 3000 रुपए तक वापस दे सकती है।

    खाद्य मंत्रालय नें अभी तक इस मामले में कोई टिपण्णी नहीं की है।

    सरकार द्वारा इस सब्सिडी की मदद से चीनी की मीलों को निर्यात करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अधिक पैदावार नियंत्रित की जा सकेगी, जिससे घरेलु बाजार में कीमत बेहतर रहे।

    भारतीय चीनी मील के डायरेक्टर अभिनाश वर्मा नें बताया कि गन्ने की अधिक कीमतों की वजह से गन्ने की पैदावार अच्छी हुई है और इसकी वजह से ही चीनी के निर्यात में वृद्धि हुई है।

    जाहिर है विश्वभर में चीनी की पैदावार कम हो रही है, लेकिन भारत में यह अच्छी है। भारत वर्तमान में ब्रासील के बाद दूसरा सबसे बड़ा चीनी का निर्यातक देश है।

    सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल बुधवार को इस फैसले पर अपनी सहमति दे सकता है।

    इसके अलावा यह माना जा रहा है कि सरकार 2018-19 से चीनी निर्यात में से 50 लाख टन चीनी का आर्डर मीलों को दे सकती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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