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    आगामी लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए एक नयीं स्कीम जारी की है।

    ‘अन्नदाता सुखीभवः’ नाम से शुरू हुई इस योजना के तहत आंध्रप्रदेश के किसानों को राज्य सरकार सरकार प्रति एकड़ 2,500 रुपये देगी। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में अपना अन्तरिम बजट पेश करते हुए इस योजना के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपये की राशि जारी की है।

    गौरतलब है कि ठीक इसी तरह की ‘रायथू बंधू’ योजना तेलंगाना सरकार द्वारा भी चलायी जा रही है।

    आंध्र प्रदेश सरकार ने इस योजना को राज्य में अप्रैल महीने से लागू करने की बात कही है। तेलंगाना में किसानों को 8 हज़ार रुपये प्रति एकड़ की दर से मिल रहे हैं। हालाँकि वहाँ पर सरकार किसानों को यह राशि दो किश्तों में जारी कर रही है।

    तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्र शेखर राव ने अगले बजट में यह राशि बढ़ाकर 10 हज़ार रुपये करने की बात कही है।

    टीआरएस के सचिव पोचमपल्ली श्रीनिवास रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ‘सिर्फ चन्द्रबाबू नायडू ही नहीं, बल्कि सभी लोग केसीआर के पद चिन्हों पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।’

    इसके अलावा आंध्र प्रदेश सरकार ने अन्य कृषि संबंधी योजनाओं के लिए 12,733 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। जबकि सरकार ने सिंचाई के लिए अलग से 16,852 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया है।

    चन्द्रबाबू नायडू पर इसके पहले विपक्ष द्वारा ये आरोप लगाया जाता रहा है कि नायडू ने कृषि सेक्टर के लिए कुछ भी नहीं किया है, लेकिन नायडू की इन योजनाओं से अब विपक्ष के लिए भी परेशानी बढ़ना लाज़मी है।

    मालूम हो कि वर्ष 2000 में चन्द्र बाबू नायडू सरकार द्वारा बिजली टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद उन्हे काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसी के साथ ही तब राज्य में सूखा पड़ने और कृषि बर्बाद होने के चलते बाबू ने राज्य में अपनी सत्ता खो दी थी।

    2004 में सत्ता में आने के बाद ही कॉंग्रेस के नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी ने किसानों के लिए मुफ्त बिजली की घोषणा की थी।

    इसके बाद 2014 में सत्ता पर वापस लौटने के साथ ही चन्द्र बाबू ने किसानों पर लगा हुआ सभी तरह का ऋण माफ कर दिया था, जिसके चलते सरकार पर 24 हज़ार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा था।

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