Fri. Apr 19th, 2024
    गोवा पर्यटन

    पणजी, 14 जून (आईएएनएस)| ब्रांड गोवा के पुनर्निर्माण की जरूरत है और केवल ‘पार्टी कैपिटल’ का टैग पर्यटकों को खींचने के लिए पर्याप्त नहीं है। स्थानीय पर्यटन और यात्रा उद्योग के हितधारकों के द्वारा तैयार श्वेत-पत्र में यह बात कही गई है। साथ ही इसमें यातायात पुलिस, टैक्सी ऑपरेटर्स, दलालों द्वारा पर्यटकों का उत्पीड़न किए जाने का हवाला दिया गया है और बुनियादी संरचना, सार्वजनिक परिवहन और कचरा प्रबंधन को सुधारने की बात कही गई है, ताकि गुणवत्तापूर्ण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।

    सबसे पुराने उद्योग निकायों में से एक -ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन ऑफ गोवा ने कई परामर्श सत्रों के बाद श्वेत-पत्र ‘रिइनवेंट गोवा’ तैयार किया है। इसमें यह भी बताया गया है कि हाल ही में घरेलू पर्यटकों की संख्या विदेशी पर्यटकों से अधिक हो गई है, जिसका मुख्य कारण अनुचित कर शासन प्रणाली, अनुमति देने में देरी तथा उच्च वीजा शुल्क है, जिस पर राज्य और केंद्र सरकारों को काम करने की जरूरत है।

    श्वेत-पत्र में कहा गया है, “टैक्सी किराया का मूल्य गैर-पारदर्शी है। व्यापार को सुव्यवस्थित करने के प्रयासों को राजनेताओं के हस्तक्षेप से बाधित किया जाता है, जो उन्हें वोट-बैंक के रूप में मानते हैं। टैक्सी व्यवसाय नकदी से चलता है, जिससे सरकार को भी राजस्व की हानि होती है।”

    इसमें कहा गया है कि टैक्सी चालकों को डराया-धमकाया जाता है और वे खुद ‘टैक्सी माफिया’ के टैग से छुटकारा चाहते हैं।

    पिछले कुछ वर्षो में पर्यटकों के आगमन के आंकड़ों में गिरावट के बाद उद्योग और सरकार में घबराहट फैल गई, जिसके कारण श्वेत-पत्र का मसौदा तैयार किया गया था। इसे गुरुवार को पर्यटन मंत्री मनोहर अजगांवकर को सौंपा गया।

    श्वेत-पत्र में कचरा डंपिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आह्वान किया गया है।

    श्वेत-पत्र में लोकप्रिय पर्यटक स्थलों पर प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हुए कहा गया, “समुद्र तटों और जल निकायों पर खाली शराब की बोतलें, डिब्बे या प्लास्टिक की बोतलें फेंकी होती हैं, जिससे राज्य की नदिया, समुद्र और झीलें जाम हो रही हैं। इसके कारण भी पर्यटक गोवा आने से हतोत्साहित होते हैं।”

    श्वेत-पत्र में निजी और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ एक राज्य पर्यटन बोर्ड की स्थापना के लिए कहा गया है, ताकि पर्यटन प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप बंद और मंजूरी देने की प्रक्रिया ठीक करने में मदद मिले।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *