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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

गिर सोमनाथ जिले में बसे शहर कोडिनार की विधानसभा सीट गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से एक है। कोडिनार विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। चुनाव दृष्टिकोण से इस शहर को 9 अलग-अलग वार्डों में बाँट दिया गया है।

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वार्ड संख्या

जनसंख्या

साक्षरता

लिंगानुपात

1

वार्ड संख्या- 1 5,982 71.8% 958

2

वार्ड संख्या- 2 3,912 66.7% 925

3

वार्ड संख्या- 3 6,687 72% 960

4

वार्ड संख्या- 4 4,675 68.9% 1,016
5 वार्ड संख्या- 5 4,233 68.9%

939

6

वार्ड संख्या- 6 2,492 78.2%

972

7 वार्ड संख्या- 7 3,755 75.6%

965

8

वार्ड संख्या- 8 4,711 63.1% 1,002
9 वार्ड संख्या- 9 5,045 72.8%

954

वार्डों के अनुसार कोडिनार की जनसंख्या का आंकलन

कोडिनार विधानसभा सीट कोडिनार तालुका और ऊना तालुका का प्रतिनिधित्व करती है। 2014 के आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में 228 मतदान केंद्र है। 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के जेठाभाई सोलंकी कोडिनार से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के मोहनभाई को 8,477 वोटों से हरा दिया था। साक्षरता दर के मामले में यह शहर काफी आगे है यहाँ की साक्षरता दर कुल 80.11 फीसदी है। कोडिनार विधानसभा क्षेत्र में पुरुष साक्षरता दर 85.75 फीसदी है वहीं महिला साक्षरता दर 69.68 फीसदी है।

 

कुल

पुरुष

महिलाऐं

अनुसूचित जाति 
4,521
2,339
2,182
अनुसूचित जनजाति
186
98
88

कोडिनार में अनुसूचित जाति और जनजाति

2011 की जनगणना से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र की कुल आबादी 41,492 है, जिसमें से 21,111 आबादी पुरुषों की है तथा 20,381 आबादी औरतों की है। यहाँ का लिंगानुपात 965 है। यहाँ पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 4,521 है तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 186 है।

 

धर्म

कुल

पुरुष

महिलाऐं

हिन्दू

28,752 (69.3%) 14,673 14,079
मुस्लिम

12,542

(30.23%)

6,339

6,203

ईसाई

34 (0.08%) 18 16
सिख 127 (0.31%) 59

68

बौद्ध

4 (0.01%) 3

1

जैन 2 (0%) 1

1

अन्य

3 (0.01%) 1 2

कोडिनार की धार्मिक जनसंख्या का आंकलन

धार्मिक आधार पर अगर यहाँ की जनसंख्या का विश्लेषण किया जाए तो पाएंगे कि यहाँ की बहुसंख्यक आबादी हिन्दू है तथा बाकी धर्मों के लोग अल्पसंख्यक है। यहाँ पर मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध तथा अन्य सभी धर्मों को मानने वाले लोग भी निवास करते हैं। यह जगह बीजेपी के लिए अपने घर के समान है यहाँ पर बीजेपी 2009 के चुनाव को छोड़कर 1995 से लेकर आज तक कभी नहीं हारी। लेकिन पिछले कुछ समय से क्षेत्र में कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। इसका मुख्य कारण ऊना में हुआ दलित आंदोलन है। 2009 में यहाँ से कांग्रेस जीती थी तथा 2012 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस बहुत मामूली अंतर से चुनाव हारी थी। बता दें कि 2012 में कांग्रेस यहाँ का चुनाव मात्र 6% वोट से हार गयी थी।