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    उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव

    अपने हस्तनिर्मित लकड़ी के खिलौनों, पत्थरों, मंदिरों और पहाड़ियों पर विभिन्न तरह की सुंदर वास्तुकला स्मारकों के लिए जाना जाने वाला इदार शहर आज कल विधानसभा चुनावों की वजह से चर्चा का विषय बना हुआ है। गुजरात के साबरकांठा जिले में स्थित इदार विधानसभा सीट राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से एक है।

    2014 में हुए लोकसभा चुनाव के आँकड़ों के अनुसार यहाँ पर 321 मतदान केंद्र है। इदार शहर की कुल आबादी कुल 42,306 है जिसमें से 21,940 आबादी पुरुषों की है तथा 20,366 आबादी महिलाओं की है। इदार के लिंगानुपात की बात करे तो यहाँ का लिंगानुपात औसत 928 है।

    2014 के आँकड़ों के अनुसार यहाँ पर मतदातों की कुल संख्या 2,44,513 है जिसमें से 1,25,525 मतदाता पुरुष है तथा 1,18,988 मतदाता महिलाएं है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहाँ कांग्रेस और बीजेपी में हुई कड़ी टक्कर को देखते हुए इस बार का मुकाबला भी काँटे का प्रतीत हो रहा है।

    गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में यहाँ से बीजेपी उम्मीदवार रमणलाल वोरा विजयी तो हुए थे लेकिन उनकी जीत और कांग्रेस के रामभाई सोलंकी की हार में कोई ज्यादा फर्क नहीं था। ऐसे में इस बार के चुनाव में पलड़ा किसका भारी होगा यह कहना एक कठिन प्रश्न है।

    अगर साक्षरता दर की बात करें तो 78.8 फीसदी पुरुषों की साक्षरता और 67.6 फीसदी महिलाओं की साक्षरता के योगदान से इस नगर की साक्षरता दर 83.4% है। यहाँ की साक्षरता से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि इस नगर की औसत साक्षरता गुजरात से अधिक है। यहाँ पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 4,768 है तथा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 3,479 है। चुनावी दृष्टि से इस नगर को 13 वार्डों में बाँटा गया है। इदार की विधानसभा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

    धर्म

    कुल योग (%)

    हिन्दू

    76.32

    मुस्लिम

    17.76

    ईसाई

    0.19

    सिख

    0.01

    जैन

    5.51

    बौद्ध

    0.01

    अन्य

    0

    2011 के सेन्सस रिपोर्ट के अनुसार ‘इदर’ के धार्मिक जनसंख्या का आंकलन

    महाभारत काल के समय में ही अस्तित्व में आने वाला नगर इदार जनसंख्या की दृष्टि से भी हिन्दुओं के लिए अहम है। बता दें कि हिन्दू यहाँ पर जनसंख्या की दृष्टि से बहुसंख्यक है। यहाँ पर हिन्दुओं की आबादी 76.32 फीसदी है।

    बाकी धर्मों के लोग भी अल्पसंख्यक आबादी के रूप में यहाँ निवास करते है जिसमें से मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन तथा सिख प्रमुख है। 1995 से लेकर आज तक हुए किसी भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को छोड़कर कोई पार्टी इस सीट से सत्ता में नहीं आ पाई है। इस वजह से इदार विधानसभा सीट को गुजरात में बीजेपी का गढ़ माना जाता है।