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    सीएम रुपाणी और नितिन पटेल,गुजरात

    गुजरात में सरकार को शपथ लिए अभी तीन दिन हुए है। खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री विजय रुपानी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल के बीच अनबन हो गई है। इन दोनों के साथ ही वहां के विधायक भी अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है। गुजरात में 22 साल से सरकार बनाते आ रही भारतीय जनता पार्टी में इन दोनो नेताओ के बीच ठना ठनी का सबसे बड़ा कारण मंत्रिपरिषद में विभाग बटवारे को लेकर माना जा रहा है।

    रुपाणी सरकार के शपथ लेने के बाद से ही इन दोनों के बीच अनबन की खबर आ रही है। इस सन्दर्भ में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और जीतू वघानी इस विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर मिले। इन तीनो के बीच काफी लम्बे समय तक वार्ता होती रही, जिसके कारण गुजरात सरकार के कैबिनेट में शामिल नए मंत्रियों को करीब 4 घंटे इन्तजार करना पड़ा।

    वही मंत्रिमंडल में विभाग के बटवारे को लेकर उपमुख्यमंत्री खुश नहीं है। वह चाहते थे कि शहरी और गृह विभाग उन्हें मिले लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इतना ही नहीं नितिन पटेल को दो अहम् विभाग राजस्व और वित् विभाग भी नहीं दिए गए। गुजरात कैबिनेट में यह माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा घाटे का सौदा पटेल को ही हुआ है। नितिन पटेल को अहम् विभागों से दूर रख कर सड़क एवं भवन, हेल्थ एवं फैमिली, नर्मदा, कल्पसार, चिकित्सा और शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मिली है।

    गुजरात में मोदी के राम लखन कहे जाने वाले रुपाणी और पटेल के बीच विभाग बटवारे को लेकर अनबन चल रही है। इसी तनातनी के चलते रात के 10 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया। लेकिन इस दौरान उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने एक शब्द भी नहीं बोला। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठने के तरीके से ऐसा लग रहा था कि वह किसी बात को लेकर गुस्सा है। पटेल ने चुप्पी साधते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की।

    विधायक भी नाराज

    सूत्र बताते हैं कि सरकार में अनबन की एक और खबर है। वडोदरा से विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने भी विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने वडोदरा से एक भी विधायक को केबिनेट में शामिल नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने 10 विधायकों के साथ पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली। ऐसा पहली बार देखा जा रहा है कि भाजपा विधायक खुलकर पार्टी का विरोध कर रहे है। नरेंद्र मोदी के दिल्ली में जाकर बैठने से गुजरात में बीजेपी की पकड़ में ढील आ रही है। पार्टी के विधायक अब पार्टी के अंदर बगावत करने लगे है। मोदी के गुजरात छोड़ने के बाद बीजेपी की स्थिति बिगड़ती जा रही है।

    प्रधानमंत्री मोदी नें अभी तक रुपाणी और नितिन पटेल के बीच खटास को दूर करने के लिए अपने स्तर पर कोई प्रयास नहीं किये है। हाल ही में हुए गुजरात चुनाव में भाजपा का यह अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। पिछले 6 चुनावों में पहली बार उसे 100 से कम सीटें हासिल हुई हैं। अगर ऐसे ही विवाद बने रहे तो मोदी के लिए 2019 के आम चुनाव में यहां से राह आसान नहीं होगी।