Wed. Apr 24th, 2024
    गांधीनगर,पाटीदार समुदाय

    गुजरात की राजधानी गांधीनगर की चुनावी तस्वीरें सूबे के सियासी समीकरण को दर्शा रही है। राज्य के अन्य इलाको की तरह गांधीनगर की राजनीति भी जातीय स्तर पर देखी जा रही है। देखा जाये तो यहाँ की सियासत विकास के मुद्दे के बजाय जातीय बन गई है। विकास पर जातीय राजनीति हावी नजर आ रही है। यहाँ की सियासत में विकास की बयार छोड़ जातीय बयार बहने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है।

    अनामत आंदोलन की वजह से पाटीदार समुदाय भाजपा से नाराज दिख रहा है। वहीं इस क्षेत्र में अल्पेश ठाकोर के समुदाय की संख्या भरमार है। इस वजह से भाजपा को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालाँकि टिकट बटवारे को लेकर बीजेपी ने दोनों पार्टियों के बीच सामंजस्य बैठाने का प्रयास किया है। लेकिन अंदरूनी हालत कुछ ठीक नहीं दिख रहे है। गांधीनगर जिले की 5 सीटों पर भाजपा ने 2 पाटीदार उम्मीदवारों को उतारा है। इसके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस के दमदार विधायक को तोड़कर अपने पाले में लाकर उम्मीदवार बनाने का भी खेल खेला है। मगर जातीय समीकरण ने यहाँ भाजपा को मुश्किल में लेकर खड़ा कर दिया है। यह सूबे का उत्तरी इलाका है जहा पटेल और ठाकोर बिरादरी के बीच गठजोड़ भाजपा को महंगा पड़ रहा है। ऊपर से कांग्रेस की कमान प्रदेश प्रभारी अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत संभाले हुए है। इसलिए भाजपा इस क्षेत्र में तीन तरफ से घिर गई है, पार्टी का हथकंडा काम नहीं आ रहा है।

    आरक्षण का मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में आए पाटीदार समाज और ठाकोर के गठजोड़ की असली परीक्षा गांधीनगर में देखने को मिलेगी। क्योकिं यहाँ दोनों समुदाय की जनसँख्या अधिक है। कहा जा रहा है कि अगर दोनों समुदाय के मतदाता साथ आए तो कांग्रेस का रास्ता आसान हो जायेगा। वरना पार्टी को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है। वैसे देखा जाये तो पिछले चुनाव में भी गांधीनगर में कांग्रेस पार्टी भाजपा पर भारी थी। जिले के 5 विधानसभा सीटों में से 3 पर कांग्रेस का कब्ज़ा था तो बीजेपी को 2 सीटें ही मिली थी। इस दफा बीजेपी अपनी संख्या बढ़ाना चाहती है। लेकिन पाटीदार और ठाकोर के गठजोड़ ने पार्टी की समीकरण को बिगाड़ दिया है।

    माणसा विधानसभा के आजोल गांव के रहने वाले दीपक भाई पटेल का कहना है कि हार्दिक के साथ अन्याय हो रहा है। दीपक का कहना है कि हक़ मिले या ना मिले लेकिन हम हार्दिक का समर्थन जरूर करेंगे। इसी गांव के राज्य मार्ग पर पान की दुकान चला रहे अमित भाई चौधरी सियासी दावा करते हुए कहते हैं कि कलोल से मोड़ासा तक भाजपा साफ है। कहीं भी विकास नहीं हुआ है। कांग्रेस के जरिए पाटीदार आरक्षण पर लॉलीपॉप थमाने के भाजपा के आरोपों पर माणसा के हिम्मत सिंह चौहान का कहना है कि कुछ न कुछ तो रास्ता निकलेगा। अगर कुछ नहीं होगा तो उस वक्त देखेंगे।

    वहीं कांग्रेस की ओर से गांधीनगर का कमान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एव राष्ट्रिय महासचिव अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत संभाल रहे है। उम्मीदवार चयन में हुई थोड़ी बहुत गड़बड़ी के बाद वैभव ने स्थिति को फिर से सामान्य कर लिया है। कांग्रेस यहाँ अपनी उम्मीदों को हार्दिक, अल्पेश ठकोर और जिग्नेश मेवानी के गठजोड़ को लेकर देख रही है। इन मतों को साधने में ही कांग्रेस अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। इस सब के बावजूद नोटबंदी का मुद्दा ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की परेशानी बढ़ा रहा है। कांग्रेस इस बात का फायदा उठा रही है, गुजरात सरकारी कर्मचारी भी नोटबंदी की खिलाफत करते नजर आ रहे है। हालाँकि देखा जाये तो जीएसटी का मुद्दा यहाँ नहीं है।

    गांधीनगर जिले में विधानसभा की 5 सीटें कलोल, देहगाम, गांधीनगर दक्षिण, माणसा और गांधीनगर उत्तर है। इन क्षेत्रों में दूसरे चरण में मतदान होना है। माणसा से भाजपा ने कांग्रेस विधायक अजित चौधरी को अपने पाले में डाल कर उम्मीदवार बनाया है। अजित चौधरी की छवि एक दमदार नेता की है। लेकिन कांग्रेस ने सुरेश कुमार पटेल को उम्मीदवार घोषित कर जातीय बयार को उकसाया है। इस सीट से भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन इस क्षेत्र में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच का ही है। देहगाम में कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने कल्याण सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। लेकिन पहले से ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुणवंत पटेल मुकाबले में नजर आ रहे है। यहां से कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। वर्ष 2007 से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है।

    वहीं कलोल सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी की रैली कराकर यहाँ अपनी बढ़त बनाने की कोशिश की है। लेकिन यहाँ ठेका मजदूरी जाने का बड़ा मुद्दा है जिसको भाजपा नकार नहीं सकती है। कलोल से बीजेपी ने अतुल भाई पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने बलदेव जी ठाकोर को मैदान में उतारा है। लेकिन यहाँ से एनसीपी उम्मीदवार करसन ठाकोर कांग्रेस को घेरते दिख रहे है। इस क्षेत्र में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में है। इसके अलावा गांधीनगर उत्तर की सीट है। मुकाबला भाजपा के शंभू जी चेला जी ठाकोर और कांग्रेस के गोविंद जी हिरा जी सोलंकी के बीच है। इस सीट पर कुल 10 उम्मीदवार मैदान में है। लेकिन इस सब के बावजूद सामंजस्य और जमीन की लड़ाई भाजपा और कांग्रेस में ही दिख रही है। लेकिन दोनों में कौन किसपर भरी है यह मतगणना के समय निर्णय होगा।