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    गाँव और शहर में अंतर difference between village and city in hindi

    गाँव को मुख्य रूप से पिछड़ा इलाका माना जाता है और वहीँ शहर को विकसित इलाका माना जाता है।

    गाँव और शहर के जीवन में कई अंतर हैं। दोनों अपने आप में जीवन को एक अलग रूप में प्रस्तुत करते हैं। गाँव में भोजन और कपड़ा बनता है, वहीँ शहर में ज्ञान और विज्ञान विकसित होता है।

    कई लोगों का मानना है कि गाँवों का जीवन शहर के मुकाबले बहुत खराब होता है। हालाँकि यह सच है कि पिछले काफी समय में गाँवों और शहरों के बीच फैसला बहुत बढ़ गया है, लेकिन अब भी कई मामलों में गाँव शहर से बेहतर हैं।

    उदाहरण के तौर पर, गाँवों में साफ़ पानी और हवा लोगों को मिलती है। गाँवों में प्रदुषण की मात्रा बहुत कम होती है। इसके अलावा लोगों को खाने के लिए शुद्ध भोजन मिलता है, क्योंकि वे खुद इसे अपने हाथों से उगाते हैं।

    इस लेख में हम गाँव और शहर में अंतर पता करने की कोशिश करेंगे।

    विषय-सूचि

    गाँव का जीवन (village life in hindi)

    गाँव का जीवन बिलकुल साधारण और सीधा होता है। गाँव में किसी प्रकार की भीड़ या जल्दबाजी नहीं होती है। चारों और शान्ति रहती है।

    गाँव में लोग सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़े होते हैं। यहाँ लोगों का ज्यादातर समय अपने खेतों और घरवालों के साथ बीतता है।

    गाँव में लोग बड़ी मात्रा में भक्ति आदि से जुड़े होते हैं। यहाँ के लोग हर त्यौहार आदि को पुरे हर्ष-उल्लास के साथ मनाते हैं।

    यदि साधारण जरूरतों की बात करें, तो गाँव के लोगों को शुद्ध वायु मिलती है। इसके अलावा यहाँ के लोगों को साफ़ पानी और शुद्ध भोजन और सब्जियां मिलती हैं।

    गाँव के लोग अपने हाथ से खेतों में सब्जियां और फल उगाकर खाते हैं।

    गाँव में रहने के कई नुकसान भी हैं। गाँव में लोगों को कई सेवाएं आसानी से नहीं मिल पाती है। जैसे कि, गाँव में डॉक्टर आसानी से उपलब्ध नहीं होता है।

    डॉक्टर और अच्छी मेडिकल सेवाओं के ना होने की वजह से यहाँ के लोग बिमारी की वजह से जल्दी मर जाते हैं।

    इसके अलावा गाँवों में पढ़ाई को लेकर भी समस्या है। गाँव में बहुत कम लोग स्कूल की पढ़ाई को पूरा करते हैं। इन्हीं कारणों से गाँव में पढ़े लिखे लोग बहुत कम होते हैं। जो कुछ पढ़े लिखे होते हैं, वे शहर में पलायन कर जाते हैं।

    गाँव के लोग अन्धविश्वास में भी बहुत विश्वास रखते हैं।

    शहर का जीवन (city life in hindi)

    शहर एक प्रकार से विकसित और जगमगाता प्रतीत होता है। शहर में ऊँची-ऊँची इमारतें, लम्बी-चौड़ी सड़कें, शौपिंग मॉल, लाइट आदि होती हैं।

    इसके अलावा सड़कों के दोनों और अच्छी अच्छी दुकानें और अन्य प्रकार की कई सेवाएं उपलब्ध रहती हैं।

    शहरों में ऐसा लगता है कि लोग हर समय जागते रहते हैं। रात में भी सड़कों पर चहल पहल रहती है, जो गाँवों में नहीं होती है।

    शहर के लोग पढ़े लिखे होते हैं और बच्चों के पढने के लिए अच्छी अच्छी स्कूल और कॉलेज होते हैं।

    शहरों में बड़े बड़े अस्पताल और अन्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध रहती हैं। यहाँ लोग ज्यादा मेहनत करते हैं और ज्यादा ही खर्च करते हैं।

    इन सबके अलावा भी शहरों में रहने के कुछ नुकसान भी हैं।

    मुख्य तौर पर शहर में प्रदुषण बहुत होता है। इस कारण से यहाँ की वायु और पानी दूषित हो जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।

    शहर में गरीब व्यक्ति नहीं रह पाता है, क्योंकि यहाँ बहुत महंगाई रहती है।

    गाँव और शहर में अंतर (difference between village and city in hindi)

    गाँव और शहर के जीवन में मुख्य अंतर निम्न हैं:

    • गाँवों में गलियां और सड़कें कम होती हैं। गाँवों में कच्ची सड़क होती हैं। वहीँ शहरों में सैकड़ों सड़कें होती हैं, जो पक्की होती हैं और वे लम्बी चौड़ी होती है।
    • गाँवों में बहुत कम दुकानें होती हैं, जबकि शहर में बड़ी मात्रा में दुकानें और मॉल होते हैं।
    • गाँव में गाड़ियाँ बहुत कम होती हैं, वहीँ शहरों में सड़कें गाड़ियों से भरी रहती है। शहर में लगभग हर घर में एक गाड़ी होती है।
    • गाँव में मुश्किल से एक सिनेमाघर होता है, या वो भी नहीं होता है। जबकि शहरों में ढेरों सिनेमा होते हैं।
    • गाँव में एक या दो स्कूल होती है और वे भी सरकारी होती हैं, जबकि शहर में बहुत सी प्राइवेट स्कूल होती हैं।
    • गाँव में शुद्ध वायु होती है लेकिन शहर में वायु प्रदूषित होती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    17 thoughts on “गाँव और शहर में अंतर क्या है?”
    1. गाँव का जीवन बहुत शांतिमय होता है. शहरों में रहने से स्वाश्य अच्छा नहीं रहता है और प्रदुषण भी काफी होता है. इसलिए मैं यह कहना चाहता हूँ कि हमें गाँवों में ही रहना चाहिए.

      1. Sir ji mai aap ki baat se bhut khush huaa mauze bhi rahna hai gaav mai halanki main abhi tak koi hum log ke ghar vaale koi bhi ghar nahi banya hai pata nahi hamare chacha ji ya hamare papa ji Ghar bana bhi paunge pata nahi mai yehi kuch bana bhi pata hu ya nahi thanking you.

        1. मनुष्य को पहले ठीक से लिखना आना चाहिए और तभी किसी पर टिप्पणी करना शोभा देता है।

    2. गाँव के लोग बहुत कंजूस होते है, बहुत सकी होते हैं , आज कल तो कोई की तरकी भी बर्दाश्त नहीं होती हैं ,
      आज कल गांव का माहौल बहुत ख़राब हैं

    3. गाँव और शहर में जमीन आसमान का फ़र्क़ हैं, अगर मोटे तौर पर देखा जाय तो हर तरह शहरों में निवास करना या वहा का जीवन बेहद अच्छे स्तर में और सही होता है, हालांकि शहर के लोग और गाव के लोगो में बहुत अंतर होता है, तथापि गाँव में शुद्ध हवा और पानी हमेशा उपलब्ध रहती है , जीवन में सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए जो माहौल , सुविधाये , पर्यावरण चाहिए वह शहरों में अच्छे से मिल जायेगा, इसके विपरीत गाँव में ईर्ष्या , द्वेष, इत्यादि बहुत रहता है इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है की शहरो में बुराई नहीं हैं। सारगर्भित रूप से शहरों का जीवन सदैव अधिक हितकर होता है।

    4. Gaon Se sahar ki bhukhmari dur hoti hai. Sahar gaon par anaj ke liye aasrit hai. vah anaaj jo kisaan ugaate hai. Isliye kisaano ka bhalaa hona chahiye. Aur kisaano ka Loan maaf hona chahiye. JAI JAVAAN, JAI KISAAN, aur JAI HINDUSTAAN.

    5. Sahar se kai jyada beter ganv hota hi agar gav ke kisan bhai log anaj paida na kare to sahar ke log bhukh mari ke karan nahi bach sakte hai isliye mera manna hai ki sahar se jyada achha gav hota hi

    6. kaun si duniya me ji rahe ho bhai jo kah rahe hai gaav me kuch nahi hota..bhai woh Purani baat hai jab gaav me kuch nahi hota tha.. lekin aaj kal kisi bhi gaav me sab kuch hai jo insaan ko chahiye…Maine to ab Yaha tak dekha hai ki gaav me log sahro se bhi aacha Kama kha rahe hai

    7. bhai logo apne dekha korona mein sab band ho gaya lekin gaaon waise hi chalte rahe na tension na khne peene ki dudh ki koi kami nahi rahi mera gaaon mera desh jai shriram

      1. sabse badi bat gaav men hamari purani drohar hai wah dekhne ko milti hai jo saharo men nahin hai jaise ki Kua aur chhote bade fastivals abhi bhi gaav men dekhne ko milege

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