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    भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

    भारत में 26 जनवरी को 70 वें गणतंत्र दिवस के समारोह का आयोजन किया गया था, वही कई देशों में भारत के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए तिरंगे को आगजनी किया गया। ऐसा ही एक वाकया ब्रिटेन में भी हुआ। ब्रिटेन की सरकार ने सोमवार को मीडिया ख़बरों के बाद भारतीय ध्वज को जलाने पर खेद व्यक्त किया था।

    गणतंत्र दिवस के दिन लन्दन में स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर अलगाववादी समूह के प्रदर्शनकारियों ने भारतीय ध्वज को आगजनी किया था। ब्रिटेन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि “हमें अफ़सोस है किसी ने किसी भी दिन भारतीय ध्वज को अपमानित करने का निर्णय लिया, हमें खेद है कि ऐसा हुआ।”

    प्रवक्ता ने कहा कि गणतंत्र दिवस की हम भारत को शुभकामनाएं देते हैं और भारत के साथ प्रगाढ़ संबंधों की आशा करते हैं, हम यूरोपीय संघ से बाहर निकलने को तैयार है। हम वैश्विक सहभागियों के साथ नई साझेदारी कायम करना चाहते हैं।”

    इस प्रदर्शन की विडियो और तस्वीरों में खालिस्तानी समर्थकों का एक छोटा समूह और कश्मीरी पोशाक में कुछ कार्यकर्ता 26 जनवरी को लन्दन में स्थित भारतीय दूतावास के खड़े दिखाई देते हैं। वे भारत विरोधी और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विरोध में नारे लगा रहे हैं।

    मेट्रोपोलिटन पुलिस ने बयान में कहा कि “यह प्रदर्शन पूर्व नियोजित योजना के तहत हुआ था। 26 जनवरी को भारतीय दूतावास के बाहर जमकर प्रदर्शन हुआ जो एक सुनियोजित योजना के तहत अंजाम दिया गया था।” बयान के मुताबिक कोई गिरफ्तारी और दुर्घटना नहीं हुई है। किसी जुर्म की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। पुलिस को सोशल मीडिया पर वायरल हुई के बारे में जानकारी है।

    शुरुआत में ब्रिटेन के कामनवेल्थ और विदेश विभाग ने कहा कि वे राष्ट्रीय ध्वज को आगजनी करने वालो माफ़ नहीं करेंगे। बयान के कहा था कि “हमें गर्व है कि हम एक ऐसे देश के बाशिंदे हैं जहां सभी कों शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और जीवंत लोकतंत्र के तहत अभिव्यक्ति की आज़ादी है। हम राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करने वाले प्रदर्शनकारियों को माफ़ नहीं करेंगे, जिन्होंने आक्रमकता दिखाई है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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