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    खजूर खाने के नुकसान

    आप भी सोच में पड़ गए ना आखिर कैसे खजूर से कोई साइड इफ़ेक्ट हो सकता है ? इस आर्टिकल में हम खजूर से होने वाले सभी साइड इफ़ेक्ट को कवर करेंगे। तो चलिए शुरुआत करते हैं इस फल से होने वाले साइड इफ़ेक्ट की।

    पेट की समस्या:

    प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खजूर पेट के लिए समस्या उत्पन्न नहीं करता समस्या तो तब उत्पन्न होती है जब उनमें सल्फाइट मिलाया जाता है। आजकल हर सूखे फल को सुरक्षित रखने के लिए तथा उसे बैक्टीरिया से बचाने के लिए सल्फाइट का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण लोगों में पेट दर्द, गैस, सूजन और दस्त जैसी परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं।
    खजूर फाइबर का एक अच्छा स्रोत है और अगर आप पहले से फाइबर का सेवाएं बहुत कम मात्रा में कर रहे हैं और अचानक मात्रा बढ़ा देने से पेट की समस्याएं जैसे कब्ज और सूजन हो सकती हैं।

    खजूर के सेवन से आपका वजन बढ़ सकता है:

    खजूर में प्रचुर मात्रा में फाइवर के साथ साथ इसमें कैलोरी और एनर्जी डेंसिटी बहुत ज्यादा होती है, जिसके कारण वजन बढ़ सकता है। खजूर के एक ग्राम में 2.8 कैलोरी मौजूद होता है जिसका सीधा मतलब यह है कि यह माध्यम एनर्जी डेंसिटी वाला खाद्य पदार्थ है और इसके सेवन से वजन बढ़ सकता है।

    शिशुओं के लिए सही नहीं:

    खजूर मोटा होता है साथ ही इसको चबाना मुश्किल होता है। शिशुओं को इसको चबाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं। छोटी उम्र में शिशुओं का आंत विकसित हो रहा होता है ऐसे में इसे पचाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी ये उनके सांस की नाली को जाम कर देता है इसलिए बच्चों को खजूर से दूर रखें।

    त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं:

    खजूर जैसे सूखे फलों के सेवन से त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं और कारण सल्फाइट ही है। सल्फाइट अन्य कई सूखे फलों में किया जाता है इसलिए उनके सेवन से भी आपके स्किन पर लाल चकत्ते पड़ सकते हैं।

    अस्थमा अटैक का कारण:

    इस बात पर बहुत अधिक शोध नहीं किया गया है लेकिन अस्थमा का मुख्य कारण एलर्जी होता है और अस्थमा के तकरीबन 80 % लोगों को एलर्जी के कारण दिक्कत शुरू होती है। खजूर में सल्फाइट की मात्रा मिलती है इसलिए यह एक कारण हो सकता है।

    हाइपरक्लिमिया हो सकता है:

    खजूर के अधिक सेवन से हाइपरक्लिमिया हो सकता है। हाइपरक्लिमिया में रक्त में पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाती है, खजूर में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसका अधिक सेवन करने से हाइपरक्लिमिया हो सकता है।
    आदर्श रक्त पोटेशियम का स्तर 3.6 से 5.2 मिलीमीटर प्रति लीटर तक होता है। रक्त में पोटेशियम का स्तर 7 मिलीमीटर प्रति लीटर से अधिक खतरनाक हो सकता है इसलिए इसकी मात्रा ज्यादा होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

    वैक्स कोटिंग हानिकारक होती है:

    अन्य फलों की तरह खजूर की भी वैक्स कोटिंग होती हैं। फलों पर अक्सर वैक्स कोटिंग किया जाता है ताकि वे अपना चमक बढ़ा सकें और चमकदार दिखाई दें, साथ ही लंबे समय के लिए ताजा दिखते रहे। खजूर पर चमक आम तौर पर पेट्रोलियम मोम या रासायनिक स्प्रे से आता है, ये दोनों आगे चलकर गंभीर पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

    फ्रक्टोज़ है मुश्किल:

    खजूर के प्राकृतिक मिठास फ्रक्टोज़ के कारण होता है। कुछ व्यक्तियों को फ्रूटोज़ को पचाने में कठिनाई होती है, जब पेट में चीनी पूरी तरह से अवशोषित नहीं होता तब गैस और पेट में दर्द हो सकता है, क्योंकि चीनी आपकी आंतों में प्राकृतिक बैक्टीरिया के साथ प्रतिक्रिया करने लगती है।

    साफ सीधे शब्दों में अगर बात की जाए तो फलों में की जाने वाली केमिकल की मिलावट शरीर के लिए हानिकारक है, इसलिए फल खरीदते समय प्राकृतिक और अप्राकृतिक लक्षणों का ध्यान रखें। प्राकृतिक रूप से प्राप्त खजूर शरीर के लिए हानिकारक नहीं है। और ठीक ढंग से सेवन करने से कभी भी कोई चीज नुकसान नहीं करती।

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