Thu. Apr 25th, 2024
    पाकिस्तान इस्लामाबाद कानून मंत्री इस्तीफा

    पाकिस्तान में सरकार ने हिंसा खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारियों के सामने घुटने टेक दिए। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में कट्टरपंथी धार्मिक गुटों द्वारा कई दिनों से प्रदर्शन किए जाने के बाद शनिवार को इसने हिंसक रूप धारण कर लिया था जिसमें 6 लोगों की मौत और सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए थे।

    बाद में सरकार व प्रदर्शकारियों के बीच में समझौता कराने के लिए पाकिस्तान की सेना आई और विरोध-प्रदर्शन को रूकवाने में भूमिका निभाई। जिसके बाद कानून मंत्री जाहिद हमीद ने रातोंरात इस्तीफा सौंप दिया था।

    लेकिन अब पाकिस्तान के न्यायालय ने प्रदर्शन को शांत करने के लिए सेना की मध्यस्थता लेने को लेकर पाकिस्तान सरकार को जमकर फटकार लगाई है।

    शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन समाप्त करने में विफल रहने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने आंतरिक मंत्री अहसान इकबाल के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी किया था।

    पाक आतंरिक मंत्री को सुनाई खरी-खोटी

    आज इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने सुनवाई के लिए अनुपस्थित रहने पर अहसान पर नाराजगी व्यक्त की और 15 मिनट में आने के आदेश दिए।

    मंत्री के कुछ समय बाद कोर्ट पहुंचने पर जज सिद्दीकी ने पाकिस्तान सरकार की प्रदर्शनकारियों की सभी मांगों को मानने पर जमकर खिंचाई की।

    इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने कहा कि हमने पाक सरकार को सड़कों पर से प्रदर्शनकारियों को हटाने कहा था न कि उनके साथ समझौते के लिए।

    जज ने मंत्री को कहा कि पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने समझौते में मध्यस्थता करने के लिए सेना की भूमिका के खिलाफ कड़े शब्दों का भी इस्तेमाल किया।

    समझौता करने के लिए सेना कौन होती है

    जज ने कहा कि प्रदर्शनकारियों व सरकार के बीच होने वाले समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए सेना कौन होती है। आगे कहा कि सरकार किसी भी आपात स्थिति में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना में बुलाए जाने का संवैधानिक अधिकार रखती है।

    जबकि इस प्रदर्शन में सेना को मध्यस्थ बनाकर पेश किया है। जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने कड़े शब्दों में सेना का निशाने पर लेकर कहा कि अगर सेना को राजनीति का शौक है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में शामिल हो जाना चाहिए।

    जज ने मंत्री को कहा कि आपने पुलिस और प्रशासन को शर्मिंदा किया है। आपकी धारणा ऐसी बन गई है कि हर छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज अब सेना ही कर सकती है।

    खुद की जान की चिंता जताई

    इसके अलावा जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने खुद के जीवन का डर भी प्रकट किया। जज ने कहा कि इस सुनवाई के बाद हो सकता है कि वे लापता हो जाए या मार दिए जाए।

    जज ने समझौते पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत दर्ज किए गए प्रदर्शनकारियों को सरकार किस तरह मुक्त कर सकती है।