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    श्रीसंत

    36 साल की उम्र में, एस.श्रीसंत जानते हैं कि वह एक तेज गेंदबाज की प्रमुख उम्र के आसपास है। इसके अलावा बीसीसीआई द्वारा आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग कांड में उनकी संलिप्तता के लिए उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के कारण वह छह साल से क्रिकेट से बाहर रहे है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने श्रीसंत को जीवनदान दे दिया है और बीसीसीआई से कहा है कि वह तेज गेंदबाज पर लगाई गई सजा पर पुनर्विचार करे, प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी करना केरल के तेज गेंदबाज के लिए आसान नहीं होगा। और अधिक परिपक्व श्रीसंत बहुत अगर प्रतिबंध हट भी जाता है तो बुहत आगे नहीं देखना चाहते हैं।

    श्रीसंत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ” मुझ यथार्थवादी होने की जरूरत है। मुझे कुछ छोटे कदम लेकर आगे बढ़ना होगा। तो इसके लिए मैं अभी से अभ्यास कर रहा हूं, मेरे लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना बहुत मुश्किल होगा। मैं नही चाहता की बीसीसीआई पूरे 90 दिनो में ही फैसला ले, इस पर फैसला जल्द आ जाए। मैंने क्रिकेट फिल्डे में लौटने के लिए 6 साल तक के लंबे समय का इंतजार किया है। मैं एक बार बीसीसीआई को पत्र लिखूंगा और उनसे अुनरोध करुंगा की मुझे केवल क्लब- क्रिकेट खेलने का मौका दिया जाए। अगर मैं खेल सकता हूं तो मुझे पता लगेगा अभी मैं किस स्तर पर हूं।”

    तेज गेंदबाज मानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ उनकी सजगता कम हो सकती है, लेकिन टेनिस स्टार लिएंडर पेस और भारत के पूर्व साथी आशीष नेहरा से प्रेरणा मिलती है। तेज गेंदबाज ने बताया, ” “मुझे मुंबई में बच्चों के साथ खेलते समय सिर पर एक चोट लगी। मुझे लगता है कि मेरी धीमी सजगता के साथ बहुत कुछ करने की जरूरत है। लेकिन मेरे दिमाग में मेरी उम्र को लेकर भी ख्याल है। लिएंडर पेस 42 की उम्र में ग्रेंड स्लैम जीत सकते है और आशीष नेहरा 38 की उम्र तक गेंदबाजी कर सकते है तो मैं भी थोड़ी क्रिकेट और खेल सकता हूं। मेरे पास आत्मविश्वास की कमी नही है और ना ही होगी। मैं किसी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा हूं और न ही मैं भारत के किसी स्थान पर नजर गड़ाए हुए हूं। लेकिन मैं इस बात पर भरोसा करता हूं कि मेरे पास क्रिकेट खेलने के कुछ और साल है।”

    मेवरिक के इस पेसर ने भारत के लिए अपना वनडे डेब्यू साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में किया था और उन्होने राष्ट्रीय टीम के लिए 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी-20 मैच खेले है। वह विश्वकप विजेता टीम 2007 औऱ 2011 का भी हिस्सा थे। और उनका मानना है कि अगर वह क्रिकेट फिल्ड में वापसी करते है तो उन्हे आगे कई औऱ प्रस्ताव मिल सकते है।

    तेज गेंदबाज ने कहा, ” जिन अनुभवों से मैं गुज़रा हूँ वह अद्वितीय हैं। इसलिए मैं आगामी क्रिकेटरों के साथ काम करना चाहूंगा और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करूंगा। मैं क्रिकेट अकादमी शुरू करना चाहूंगा। इसके अलावा, मेरे पास कोच्चि में एक इनडोर क्रिकेट सुविधा है, जो भारत में सबसे बड़ी हो सकती है। लेकिन इससे पहले, मुझे बीसीसीआई से हरी झंडी चाहिए।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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